बिहार में निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों का पुनर्गठन करते हुए 12,817 नए केंद्र जोड़े हैं। अब कुल 90,712 केंद्र होंगे। इससे मतदाताओं को लंबी कतारों से राहत मिलेगी और मतदान प्रक्रिया बेहतर होगी।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार मतदाताओं को मतदान के दिन लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के निर्देश पर राज्य में मतदान केंद्रों का पुनर्गठन कर उनकी संख्या में बड़ी बढ़ोतरी की गई है। इसके तहत 12,817 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिससे अब पूरे बिहार में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 90,712 हो गई है। इसका उद्देश्य है कि प्रत्येक केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रहें ताकि मतदान की प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक हो सके।
मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के साथ हुआ पुनर्गठन
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूरे देश में एक जुलाई 2025 की स्थिति के आधार पर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) कराया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत बिहार में मतदान केंद्रों के पुनर्गठन की योजना बनाई गई थी। राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ने इस पर अमल करते हुए मतदान केंद्रों की पुनर्रचना पूरी कर ली है।
राजनीतिक दलों से सुझाव लेकर बनी रणनीति
पुनर्गठन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सर्वसम्मत बनाने के लिए सभी जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की गईं। इन बैठकों में सभी दलों से पुनर्गठन को लेकर सुझाव आमंत्रित किए गए। प्राप्त सुझावों के आधार पर पुनर्गठित मतदान केंद्रों का प्रस्ताव तैयार कर आयोग को भेजा गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है।
पहले थे 77,895 मतदान केंद्र, अब हुए 90,712
पुनर्गठन से पहले राज्य में कुल 77,895 मतदान केंद्र थे। आयोग की स्वीकृति के बाद अब इसमें 12,817 नए केंद्रों की वृद्धि की गई है। खास बात यह है कि इन नए मतदान केंद्रों में से 12,479 केंद्र तो मतदाताओं की सुविधा के लिए उसी भवन या परिसर में बनाए गए हैं, जिससे लोगों को नए स्थान पर जाने की जरूरत न हो। केवल 338 मतदान केंद्रों को ही किसी पास के परिसर में स्थानांतरित किया गया है। इससे न केवल मतदाताओं को सुविधा होगी बल्कि लॉजिस्टिक व्यवस्था भी बेहतर तरीके से की जा सकेगी।
राजनीतिक दलों को साझा की गई जानकारी
शनिवार को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें पुनर्गठित और नवनिर्मित मतदान केंद्रों की जिलावार संख्यात्मक सूची साझा की गई। इसका मकसद है कि सभी दल इन केंद्रों की जानकारी अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों तक पहुंचा सकें ताकि मतदाता भ्रम की स्थिति में न रहें।