Pune

सावन में शिव भक्तों की पहली पसंद क्यों है ये मंदिर? जानिए इसकी खासियत

सावन में शिव भक्तों की पहली पसंद क्यों है ये मंदिर? जानिए इसकी खासियत

सावन माह की शुरुआत के साथ ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। खासकर सोमवार के दिन शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में स्थित छतरी वाला शिव मंदिर भी इन्हीं आस्था के केंद्रों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।

सावन सोमवार की होती है विशेष मान्यता

हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। खासकर सोमवार के दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है। इसी परंपरा के चलते छतरी वाले मंदिर में भी हर सोमवार को भक्तों का तांता लग जाता है। मंदिर में जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और ओम् नमः शिवाय के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो जाता है।

मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

यह मंदिर केवल एक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक धरोहर भी है। बताया जाता है कि मराठा वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम इस मंदिर से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि एक बार शिवाजी महाराज अपने सैन्य अभियान के दौरान मोदीनगर होते हुए निकले थे और उन्होंने यहीं रात्रि विश्राम किया था। उन्होंने मंदिर में दर्शन किए और शिवलिंग पर छत्र चढ़ाया। तभी से इस मंदिर को 'छतरी वाला मंदिर' कहा जाने लगा।

मंदिर परिसर में विराजमान हैं कई देवी-देवता

मंदिर केवल भगवान शिव को समर्पित नहीं है, बल्कि यहां देवी दुर्गा, भगवान सत्यनारायण, हनुमान जी और राधा-कृष्ण की मूर्तियां भी स्थापित हैं। इससे श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर कई देवताओं के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मंदिर की वास्तुकला और शांति से परिपूर्ण वातावरण लोगों को सहज ही अपनी ओर खींचता है।

चमत्कारों की चर्चाएं भी हैं प्रचलित

मंदिर से जुड़े कई चमत्कारी किस्से क्षेत्र में प्रचलित हैं। यहां के पुजारी वीरेंद्र पांडेय का कहना है कि सावन में और शिवरात्रि के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। लोगों का मानना है कि सच्चे मन से मांगी गई प्रार्थना यहां जरूर सुनी जाती है। बहुत से भक्त यह भी बताते हैं कि मंदिर दर्शन के बाद उनके असाध्य रोग ठीक हो गए।

मोदीनगर के निवासी महेश तायल कहते हैं कि वे वर्षों से इस मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाई है। उनका विश्वास है कि महादेव अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।

सुविधाजनक स्थान पर है मंदिर

छतरी वाला शिव मंदिर मोदीनगर बस स्टैंड के पास स्थित है। यही कारण है कि श्रद्धालु बस, ऑटो या निजी वाहनों से आसानी से मंदिर पहुंच सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होती और इस कारण से यह और भी लोकप्रिय हो गया है।

कांवड़ यात्रा के दौरान भी होता है विशेष आयोजन

श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान भी इस मंदिर की विशेष भूमिका होती है। आसपास के इलाकों से कांवड़िये यहां जल चढ़ाने आते हैं। मंदिर प्रशासन इस दौरान विशेष प्रबंध करता है ताकि कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

भक्ति और श्रद्धा का संगम

छतरी वाला शिव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि भक्ति और श्रद्धा का संगम है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार भगवान शिव से जुड़ जाता है। सावन के महीने में मंदिर का वातावरण और भी दिव्य हो जाता है। चारों ओर हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते हैं और श्रद्धालु घंटों लाइन में लगकर भी महादेव के दर्शन के लिए उत्सुक रहते हैं।

धार्मिक पर्यटन को देता है बढ़ावा

मोदीनगर का यह प्राचीन मंदिर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। सावन के महीने में यहां के बाजारों में भी रौनक बढ़ जाती है। फूल-माला, प्रसाद, पूजा सामग्री बेचने वालों की आमदनी बढ़ती है। मंदिर से जुड़ी आस्था न केवल भक्तों को आकर्षित करती है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देती है।

Leave a comment