बिहार कैबिनेट ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों के गठन समेत 30 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी, जिससे निवेश, रोजगार और बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार होगा।
Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने के लिए 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों के गठन का निर्णय लिया गया। मधेपुरा, बख्तियापुर, सीवान और सहरसा समेत विभिन्न जिलों में 2,627 एकड़ भूमि पर 812 करोड़ रुपये की लागत से ये क्षेत्र विकसित होंगे। सरकार का कहना है कि इससे निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार के औद्योगिक परिदृश्य में नई रफ्तार आएगी।
नीतीश कैबिनेट ने दी हरी झंडी
बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य में मधेपुरा, पटना के बख्तियापुर, सीवान, सहरसा और बेगूसराय में कुल 5 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इन परियोजनाओं के लिए 2,627 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा और करीब 812 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों के विकसित होने से निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।
औद्योगिक ढांचे में बड़ा विस्तार
बैठक में तय हुआ कि गया के डोभी में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कोरिडोर परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर (IMC) का भी विस्तार किया जाएगा। इसके लिए 1,300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिस पर लगभग 416 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
भूमि अधिग्रहण के लिए अलग-अलग जिलों में विस्तृत योजना बनाई गई है। सहरसा, मधेपुरा, सीवान, बेगूसराय, पटना और गोपालगंज के विभिन्न मौजों में औद्योगिक विकास के लिए जमीन अधिग्रहित की जाएगी, ताकि उद्योगपतियों को बेहतर बुनियादी ढांचा मिल सके।
एयरपोर्ट और परिवहन सुविधाओं पर भी फोकस
राज्य सरकार ने छह जिलों — वीरपुर, मुंगेर, भागलपुर, सहरसा, मुजफ्फरपुर और वाल्मिकीनगर — में नए एयरपोर्ट निर्माण के लिए ऑब्सटेक्ल लिमिटेशन सर्फेस (OLS) सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इस पर 290 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा गयाजी एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और कैट-आई लाइट लगाने पर भी 137 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से औद्योगिक निवेश और पर्यटन, दोनों को बढ़ावा मिल सके।
पेंशन, मानदेय और कृषि योजनाओं में बदलाव
जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी कर दी गई है — अब छह महीने से कम जेल सजा वालों को 15,000 रुपये और उससे अधिक सजा वालों को 30,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
बीएलओ और बीएलओ सुपरवाइजर्स के मानदेय में भी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, किसानों के लिए आधुनिक डिजिटल डेटाबेस प्रणाली तैयार होगी, जिससे उन्हें रियल टाइम में मौसम और फसल संबंधी जानकारी मिल सके।
पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर छूट
भारत स्टेज-1 और 2 मानक वाले पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर नए वाहन के रजिस्ट्रेशन शुल्क में 50% की छूट दी जाएगी। इससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी और सड़क सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है।
वहीं, शिक्षा विभाग ने कक्षा 2 से 8 तक के छात्रों के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना में 75% उपस्थिति की अनिवार्यता लागू की है, जिससे लाभ का वितरण अधिक पारदर्शी होगा।