भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक क्लियरेंस प्रक्रिया को तेज करने के लिए 4 अक्टूबर से नया सिस्टम लागू करने की घोषणा की है। मौजूदा बैच सिस्टम की जगह निरंतर क्लीयरिंग और सेटलमेंट होगा, जिससे भुगतान कुछ घंटों में मिल सकेगा। यह बदलाव दो चरणों में लागू होगा और ग्राहकों को तेजी से रकम प्राप्त होगी।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में बड़े बदलाव का एलान किया, जिससे चेक क्लियरेंस अब कई दिनों की बजाय कुछ घंटों में पूरी होगी। 4 अक्टूबर से पहला चरण लागू होगा, जिसमें बैंकों को चेक की पुष्टि उसी दिन शाम 7 बजे तक करनी होगी, जबकि 3 जनवरी से यह समय घटाकर तीन घंटे कर दिया जाएगा। नया सिस्टम सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चेक की निरंतर प्रोसेसिंग और हर घंटे सेटलमेंट की सुविधा देगा, जिससे ग्राहकों को एक घंटे के भीतर भुगतान मिलने की संभावना होगी। यह कदम लेनदेन में तेजी और ग्राहक अनुभव में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है।
4 अक्टूबर से शुरू होगा पहला चरण
RBI ने बताया कि 4 अक्टूबर से चेक प्रोसेसिंग मौजूदा बैच सिस्टम से हटकर निरंतर क्लीयरिंग और सेटलमेंट सिस्टम में बदल जाएगी। पहले चरण में बैंकों को चेक मिलने के बाद उसी दिन शाम 7 बजे तक उसकी पुष्टि करनी होगी। अगर इस समय सीमा में बैंक पुष्टि नहीं करते हैं, तो चेक को अपने आप सेटलमेंट के लिए स्वीकृत मान लिया जाएगा।
जनवरी से और सख्त समय सीमा
दूसरे चरण में, जो 3 जनवरी से लागू होगा, बैंकों को चेक की पुष्टि के लिए केवल तीन घंटे का समय मिलेगा। यानी, चेक जमा करने के कुछ घंटों के भीतर यह तय हो जाएगा कि रकम आपके खाते में आने वाली है या नहीं।
लगातार होगी प्रोसेसिंग
नए सिस्टम के तहत बैंक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चेक स्कैन कर क्लीयरिंग हाउस को लगातार भेजेंगे। जैसे ही चेक पहुंचेगा, उसकी स्कैन कॉपी तुरंत ड्रॉई बैंक को भेज दी जाएगी। इसके बाद सुबह 11 बजे से प्रोसेसिंग खत्म होने तक हर घंटे सेटलमेंट होगा।
RBI का कहना है कि सेटलमेंट होने के बाद एक घंटे के भीतर ग्राहकों के खाते में रकम पहुंच जाएगी, बशर्ते सभी जरूरी जांच पूरी हो चुकी हों। इस बदलाव से जहां पहले चेक क्लीयर होने में दो से तीन दिन का समय लगता था, वहीं अब यह प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी।
बैंकों को तैयारी का निर्देश
RBI ने सभी बैंकों को नए सिस्टम के लिए तकनीकी और प्रक्रियात्मक तैयारियां करने को कहा है। साथ ही, ग्राहकों को भी इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे नए बदलाव से अवगत रहें और समय पर इसका लाभ उठा सकें।
चेक प्रोसेसिंग के साथ ही RBI ने एक और बड़ा फैसला लिया है। अब विदेशी रुपये की अतिरिक्त रकम को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति दी गई है। इससे वित्तीय बाजार में तरलता बढ़ेगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
ग्राहकों और बैंकों को होगा लाभ
नया सिस्टम ग्राहकों को तेज भुगतान का फायदा देगा और बैंकों के लिए भी लेनदेन प्रक्रिया आसान बनाएगा। छोटे और बड़े दोनों तरह के चेक लेनदेन पर यह नियम लागू होगा। इससे लेनदेन में पारदर्शिता और गति दोनों आएगी।