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बिहार में वोटर लिस्ट पर घमासान, ओवैसी बोले- ये नागरिकता छीनने की चाल

बिहार में वोटर लिस्ट पर घमासान, ओवैसी बोले- ये नागरिकता छीनने की चाल

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को जल्दबाजी में लिया फैसला बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि 1971 के बाद भारत में आए बांग्लादेशी आज घुसपैठिए कैसे हो गए।

Bihar: बिहार में चल रही मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर सियासत गर्म है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। साथ ही उन्होंने 1971 के बाद भारत में आए बांग्लादेशियों को लेकर उठ रहे सवालों पर बीजेपी और आरएसएस को घेरा है। ओवैसी ने पूछा है कि जिन्हें भारत ने आने की इजाजत दी थी, वे आज कैसे 'घुसपैठिए' कहे जा सकते हैं?

मतदाता सूची पर उठा सवाल

बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण और सत्यापन को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही इस प्रक्रिया पर सवाल उठा चुके हैं और अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है।

सोमवार को ओवैसी नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और अधिकारियों के सामने अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण के चलते अगर 15-20 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से काट दिए जाते हैं, तो इससे वे लोग सिर्फ वोट डालने के अधिकार से नहीं, बल्कि नागरिकता से भी वंचित हो सकते हैं।

'हम पुनरीक्षण के खिलाफ नहीं, समय की मांग कर रहे हैं'

ओवैसी ने साफ किया कि उनकी पार्टी मतदाता सूची की समीक्षा के खिलाफ नहीं है। लेकिन यह प्रक्रिया जल्दबाजी में पूरी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने का असर सिर्फ चुनावी हक तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति की पहचान, योजनाओं में लाभ, और कई सामाजिक अधिकारों पर भी असर डालता है।

उन्होंने चुनाव आयोग को बताया कि बिहार में इस समय भारी बारिश का मौसम चल रहा है। ग्रामीण और गरीब तबकों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। बीएलओ (Booth Level Officer) को हैंडबुक नहीं मिली है। ऐसे में मतदाताओं को नाम जोड़ने या बनाए रखने में कठिनाई हो रही है।

बांग्लादेशी घुसपैठ के नाम पर डर

अपने बयान में ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बार-बार यह बात फैलाई जा रही है कि बिहार और बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों में बांग्लादेश से घुसपैठ हो रही है। इस पर सवाल उठाते हुए ओवैसी बोले, "सन 1971 की लड़ाई के बाद, भारत सरकार ने मानवीय आधार पर कुछ लोगों को देश में आने की इजाजत दी थी। वह लोग आज कैसे घुसपैठिए हो गए? अगर वे घुसपैठिए हैं, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मतदान करने की अनुमति क्यों दी गई?" ओवैसी ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक एजेंडा है। बीजेपी और आरएसएस इस मुद्दे का इस्तेमाल कर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं।

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