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Bihar Voter List Row: राहुल के बाद चिदंबरम का EC पर वार, 65 लाख वोटों पर उठाए सवाल

Bihar Voter List Row: राहुल के बाद चिदंबरम का EC पर वार, 65 लाख वोटों पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया है। बिहार में लाखों नाम हटाने और तमिलनाडु में जोड़ने को लेकर उन्होंने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।

Bihar Voter List Row: बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर विपक्ष, खासकर कांग्रेस, चुनाव आयोग (Election Commission) पर गंभीर आरोप लगा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने दावा किया है कि आयोग राज्यों के चुनावी स्वरूप को बदलने की कोशिश कर रहा है, जिससे लोकतंत्र को गहरी चोट पहुंच सकती है।

राहुल गांधी और अब चिदंबरम का हमला

राहुल गांधी ने पहले ही इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा था और अब पी. चिदंबरम ने इसे और विस्तार से सामने रखा है। उन्होंने बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने और तमिलनाडु में 6.5 लाख नए नाम जोड़ने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह बदलाव न सिर्फ संदेहास्पद है, बल्कि असंवैधानिक भी हो सकता है।

सोशल मीडिया पर उठाया मुद्दा

चिदंबरम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि यह गंभीर मामला है और इसका राजनीतिक तथा कानूनी रूप से विरोध होना चाहिए। उन्होंने बिहार में लाखों मतदाताओं को सूची से हटाए जाने और तमिलनाडु में उन्हें 'स्थायी प्रवासी' के रूप में जोड़े जाने पर नाराजगी जताई।

प्रवासी श्रमिकों को लेकर आपत्ति

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को 'स्थायी रूप से प्रवासी' कहना उनके साथ अपमान है। उन्होंने पूछा कि अगर प्रवासी मजदूर छठ पूजा जैसे मौकों पर बिहार लौट सकते हैं, तो वे चुनाव के समय क्यों नहीं लौट सकते? क्या सिर्फ काम के लिए बाहर जाने वाला व्यक्ति अपने मताधिकार से वंचित किया जा सकता है?

'स्थायी घर' की शर्त का हवाला

चिदंबरम ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को मतदाता बनने के लिए एक निश्चित और स्थायी कानूनी निवास होना चाहिए। अगर प्रवासी श्रमिक का स्थायी पता बिहार में है, तो उसे तमिलनाडु में मतदाता कैसे बनाया जा सकता है?

चुनाव आयोग पर 'शक्तियों के दुरुपयोग' का आरोप

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग राज्यों के चुनावी स्वरूप और पैटर्न को बदलने की कोशिश कर रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद पर खतरा मंडरा रहा है।

कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि इस तरह के बदलावों का मुकाबला राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर किया जाना चाहिए। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से भी इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की।

SIR प्रक्रिया पर मचा बवाल

बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है। उनका कहना है कि यह कवायद मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है।

विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद में भी उठा चुके हैं और दोनों सदनों में इस पर बहस की मांग की जा रही है। कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग सरकार के दबाव में काम कर रहा है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।

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