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बिहार वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठियों की मौजूदगी का खुलासा, चुनाव आयोग की SIR जांच में सामने आए अहम तथ्य

बिहार वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठियों की मौजूदगी का खुलासा, चुनाव आयोग की SIR जांच में सामने आए अहम तथ्य

बिहार की वोटर लिस्ट की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के घुसपैठिए भी सूची में पाए गए हैं। आयोग ने जांच तेज की है और नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Bihar Assembly Election: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के दौरान बड़ी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई इस प्रक्रिया में शुरुआती जांच से यह सामने आया है कि राज्य की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों से अवैध रूप से आए लोग भी शामिल हैं। यह जानकारी खुद आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

BLO की रिपोर्ट में विदेशी नागरिकों की पुष्टि

इस पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेवल अफसरों (BLOs) ने घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन किया है। इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें मतदाता सूची में दर्ज व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं पाए गए। BLO को बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिले हैं जो नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं और बिहार में विभिन्न इलाकों में निवास कर रहे हैं।

1 अगस्त को जारी होगी ड्राफ्ट लिस्ट

निर्वाचन आयोग के अनुसार, एक अगस्त 2025 को मतदाताओं की मसौदा सूची (Draft Voter List) प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में उन लोगों के नाम शामिल नहीं किए जाएंगे, जिनकी नागरिकता की पुष्टि नहीं हो पाई है। इन संदिग्ध नामों की विस्तृत जांच के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की जाएगी। यह अंतिम सूची ही आगामी चुनावों के लिए मान्य मानी जाएगी।

80 फीसदी वोटर्स ने दिया आवश्यक विवरण

इस पुनरीक्षण अभियान के तहत अब तक बिहार के 80 फीसदी से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने अपनी जानकारी आयोग को सौंप दी है। इसमें नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर और वोटर आईडी नंबर जैसे विवरण शामिल हैं। आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 तय की है। अधिकारियों को उम्मीद है कि तय समय सीमा से पहले ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

जिनका नाम नहीं आए, वो क्या करें?

अगर किसी व्यक्ति का नाम 1 अगस्त को जारी होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं होता है तो उसे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे व्यक्ति पहले मतदान पंजीकरण अधिकारी (ERO), फिर जिला निर्वाचन अधिकारी और अंत में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दस्तावेजों के साथ दावा कर सकते हैं। यदि दावे को सही पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति का नाम अंतिम सूची में शामिल कर लिया जाएगा।

कानूनी प्रक्रिया के तहत नाम हटाने की तैयारी

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची से किसी नाम को हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और दस्तावेजों पर आधारित होगी। अवैध घुसपैठियों के नाम हटाने से पहले उनकी नागरिकता की जांच की जाएगी। जिनके पास वैध भारतीय नागरिकता के दस्तावेज नहीं होंगे, उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। यह कदम पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है।

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