फरीदाबाद में बिजनेसमैन प्रेमचंद ने फाइनैंसर के फर्जी दावे और धमकियों से परेशान होकर प्लास्टिक की बेल्ट से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने आरोपियों पवन और लेखराज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।
बल्लभगढ़: हरियाणा के बल्लभगढ़ क्षेत्र में एक बिजनेसमैन की दर्दनाक आत्महत्या का मामला सामने आया है। आईएमटी एरिया स्थित मुजेड़ी गांव के व्यवसायी प्रेमचंद ने फाइनैंसर से 4 लाख रुपये का लोन लिया था, लेकिन फाइनैंसर ने इसे 10 लाख रुपये का दिखाकर कोर्ट में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके साथ ही, आरोपी ने प्रेमचंद को जमीनी संपत्ति हड़पने की धमकी भी दी। लगातार मानसिक दबाव और धमकियों से परेशान होकर प्रेमचंद ने प्लास्टिक बेल्ट से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने मामले में फाइनैंसर पवन और आरोपी लेखराज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है।
लोन विवाद में फर्जी मुकदमा
पुलिस और मृतक के परिवार के अनुसार, प्रेमचंद ने फाइनैंसर पवन से 4 लाख रुपये उधार लिए थे। इनमें से दो लाख 80 हजार रुपये वापस कर दिए गए। लेकिन पवन ने लेनदेन को 10 लाख रुपये दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किया और कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया।
इसके अलावा, प्रेमचंद से 12 ब्लैक चेक लिए गए थे। इनमें से एक चेक 4 लाख रुपये का बाउंस हो गया, जिस पर पवन ने कोर्ट में फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके बावजूद वह प्रेमचंद और उनके परिवार को धमकाता रहा, गाली-गलौज करता और जातिसूचक टिप्पणियां करता रहा।
सुसाइड नोट में प्रेमचंद ने दो लोगों पर आरोप लगाए
22 अक्टूबर की सुबह, प्रेमचंद की लाश मुजेड़ी गांव स्थित धर्म इंजीनियर्स कंपनी में मिली। उन्होंने प्लास्टिक बेल्ट से फंदा लगाकर आत्महत्या की। मृतक के पास से सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने दो लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।
भाई मुकेश ने बताया कि प्रेमचंद पिछले लंबे समय से सूदखोरों और फर्जी दस्तावेजों के कारण मानसिक दबाव में था और लगातार धमकियों का सामना कर रहा था।
पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ FIR दर्ज की
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि मामले में पवन और लेखराज के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में सूदखोरी के बढ़ते मामलों में अब तक करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे शिकायतें मिलती हैं, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।












