महाराष्ट्र में नवंबर-दिसंबर के बीच स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। VVPat मशीनों के उपयोग से इनकार पर विपक्ष ने नाराज़गी जताई है। आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
Maharashtra Election: महाराष्ट्र में लंबे समय से टलते आ रहे स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर अब तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने संकेत दिया है कि इन चुनावों का आयोजन अक्टूबर के अंत से जनवरी 2026 के बीच किया जा सकता है। वाघमारे ने इस बात की भी पुष्टि की है कि इन चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
तीन साल से प्रशासकों के हवाले है नगर निगम
महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों में पिछले तीन वर्षों से कोई निर्वाचित निकाय नहीं है। इन पर प्रशासकों द्वारा शासन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और राजनीतिक दलों के दबाव के बाद अब चुनाव कराने की प्रक्रिया को गति दी जा रही है।
चुनाव की संभावित तारीखें
राज्य चुनाव आयुक्त वाघमारे ने एक इंटरव्यू में बताया कि आयोग अक्टूबर के अंत से चुनाव कराने की संभावनाएं तलाश रहा है। उन्होंने कहा, "हमने अब तक चुनावों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन आप यह मान सकते हैं कि ये नवंबर से जनवरी के बीच होंगे।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि दिवाली के बाद चुनाव कराना आयोग की प्राथमिकता होगी।
वीवीपैट के इस्तेमाल से इनकार
एक प्रमुख मुद्दा वीवीपैट मशीनों का उपयोग न करने को लेकर भी सामने आया है। वाघमारे ने कहा कि अब तक स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं किया गया है और इस बार भी इन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि इन चुनावों में पारंपरिक बैलट सिस्टम ही पर्याप्त और व्यावहारिक है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल न करने पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि अगर पारदर्शिता सुनिश्चित करनी है तो वीवीपैट का उपयोग जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मशीनों का प्रयोग नहीं हुआ तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी आयोग के इस निर्णय की आलोचना की और इसे पारदर्शिता के खिलाफ बताया।
बीजेपी का तर्क
भाजपा नेता सारंग कामटेकर ने कहा कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव 2022 से नहीं हुए हैं। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग की इस योजना को लेकर आशंका जताई कि त्योहारों के दौरान मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य में निर्वाचित निकायों की आवश्यकता लंबे समय से बनी हुई है।
किस-किस नगर निकाय में होंगे चुनाव?
चुनाव जिन प्रमुख नगर निकायों में प्रस्तावित हैं, उनमें बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC), पुणे, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, कोल्हापुर, डोंबिवली, कल्याण, वसई-विरार और छत्रपति संभाजीनगर शामिल हैं। ये महाराष्ट्र के प्रमुख शहरी केंद्र हैं जहां कई वर्षों से जनप्रतिनिधि नहीं हैं।
परिसीमन और आरक्षण की स्थिति
राज्य चुनाव आयोग ने मार्च में ही राज्य सरकार से वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था। इस आदेश के पीछे सुप्रीम कोर्ट का वह निर्देश था जिसमें आयोग को चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने को कहा गया था। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने आयोग से कहा कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर फिलहाल यथास्थिति बनाए रखी जाए।