अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह दावा दोहराया है कि अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को 150 बार तबाह कर सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका आज भी पूरी दुनिया में नंबर वन है।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर अमेरिका की परमाणु शक्ति को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि पूरी दुनिया को 150 बार तबाह किया जा सकता है। उन्होंने अमेरिका को परमाणु क्षमता में “नंबर वन” बताते हुए रूस और चीन को पीछे बताया।
ट्रंप ने कहा कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण (Nuclear Disarmament) के पक्षधर हैं और दुनिया में शांति स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर अन्य देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, तो अमेरिका भी ऐसा करने से पीछे नहीं हटेगा।
‘हम दुनिया को 150 बार तबाह कर सकते हैं’ – ट्रंप
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा,
'अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि हम दुनिया को 150 बार नष्ट कर सकते हैं। लेकिन मेरा उद्देश्य विनाश नहीं, बल्कि शांति है। मेरा मानना है कि परमाणु निरस्त्रीकरण एक बड़ी और जरूरी बात है।'
उन्होंने यह भी जोड़ा कि परमाणु क्षमता के मामले में अमेरिका पहले, रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर हैं। ट्रंप ने कहा कि हालांकि रूस और चीन वर्तमान में पीछे हैं, लेकिन आने वाले पांच सालों में वे बराबरी पर पहुंच सकते हैं। मैंने राष्ट्रपति पुतिन (रूस) और शी चिनफिंग (चीन) से बात की है। मैंने उनसे कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में हथियार बनाना और पैसा खर्च करना बेकार है। हम चाहते हैं कि यह पैसा मानव विकास, प्रौद्योगिकी और कल्याण में लगाया जाए, ट्रंप ने कहा।

परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने की तैयारी
ट्रंप का यह बयान तब आया है जब हाल ही में उन्होंने अमेरिका में परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करने की संभावना जताई थी। उन्होंने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को इस दिशा में तैयारी करने के निर्देश भी दिए थे। पिछले सप्ताह ट्रंप ने कहा,
'बहुत जल्द आप जान जाएंगे। हम कुछ परीक्षण करने जा रहे हैं, हां। दूसरे देश ऐसा कर रहे हैं, तो अगर वे कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?'
उनके इस बयान ने वैश्विक स्तर पर नई परमाणु दौड़ को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अमेरिका परमाणु परीक्षणों को दोबारा शुरू करता है, तो इससे रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों में भी नई गतिविधियाँ शुरू हो सकती हैं।
चीन और रूस को लेकर कड़ा रुख
ट्रंप ने अपने बयान में रूस और चीन दोनों को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका के पास “दुनिया की सबसे उन्नत और शक्तिशाली सैन्य ताकत” है। उन्होंने कहा कि अन्य देश अमेरिका की बराबरी करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन तकनीकी और सामरिक दृष्टि से वे अभी भी बहुत पीछे हैं। रूस और चीन हमारे पीछे हैं, लेकिन वे बराबरी की कोशिश कर रहे हैं। अगले कुछ वर्षों में वे करीब आ सकते हैं, लेकिन अमेरिका हमेशा आगे रहेगा। हम अपनी सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे, ट्रंप ने कहा।
हालांकि अपने बयान में ट्रंप ने यह भी दोहराया कि उनका लक्ष्य युद्ध नहीं बल्कि वैश्विक शांति है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, लेकिन वह परमाणु हथियारों को “अंतिम विकल्प” के रूप में ही देखता है। मैं दुनिया में शांति चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि आने वाली पीढ़ियां युद्ध की भयावहता से मुक्त रहें। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी देश अमेरिका को चुनौती देने की हिम्मत न करे,” उन्होंने कहा।












