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BRICS 2025: भारत अगले साल करेगा मेजबानी, पीएम मोदी बोले- ‘मानवता पहले’ एजेंडे पर होगा फोकस'

BRICS 2025: भारत अगले साल करेगा मेजबानी, पीएम मोदी बोले- ‘मानवता पहले’ एजेंडे पर होगा फोकस'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सुरक्षा और सतत विकास जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत के स्पष्ट और दूरदर्शी दृष्टिकोण को रेखांकित किया। 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा और इसे "मानवता सर्वप्रथम" के मूल मंत्र के साथ एक नई दिशा देने का प्रयास करेगा। यह पहला मौका होगा जब भारत एक विस्तारित ब्रिक्स (जिसमें अब नए सदस्य देश भी शामिल हैं) की अगुवाई करेगा, और इसकी वैश्विक छवि को और अधिक सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

ब्रिक्स 2026: भारत की अध्यक्षता में होगी बदलाव की बयार

प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत की अगुवाई में ब्रिक्स अब केवल एक राजनीतिक और आर्थिक मंच नहीं रहेगा, बल्कि इसे जन-केंद्रित, नवाचार-समर्थ और वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता का केंद्रीय एजेंडा लचीलापन, नवाचार और सतत विकास होगा, जिसमें पर्यावरण सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

ब्रिक्स सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत के लिए जलवायु परिवर्तन केवल एक पर्यावरणीय या ऊर्जा से जुड़ा मुद्दा नहीं है। यह जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन की बात है। जलवायु न्याय हमारे लिए एक नैतिक जिम्मेदारी है, जिससे हम पीछे नहीं हट सकते। मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन और मिशन लाइफ जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को विकास से अलग नहीं मानता, बल्कि दोनों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है।

वैश्विक स्वास्थ्य: ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ का मंत्र

कोविड महामारी के दौरान भारत की भूमिका को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई और अब डिजिटल स्वास्थ्य मिशनों को भी अन्य विकासशील देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की भावना अब भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों की रीढ़ बन चुकी है।

उन्होंने सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों को समाप्त करने के लिए प्रस्तावित ब्रिक्स स्वास्थ्य साझेदारी का समर्थन करते हुए कहा कि यह पहल जन-स्वास्थ्य को सशक्त बनाएगी और वैश्विक दक्षिण को नई स्वास्थ्य तकनीकों से जोड़ने में मदद करेगी।

‘ब्रिक्स 2.0’: एक नया रूप, नया उद्देश्य

पीएम मोदी ने आगामी अध्यक्षता के तहत ब्रिक्स को एक 'ब्रिक्स 2.0' के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि संगठन को अब नवाचार, क्षमता निर्माण और वैश्विक नीति निर्धारण में एक अग्रणी मंच के रूप में देखा जाना चाहिए। जैसे हमने G-20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को आवाज दी, वैसे ही ब्रिक्स की अध्यक्षता में भी हम ‘मानवता पहले’ की भावना को केंद्र में रखकर काम करेंगे, मोदी ने जोर देकर कहा।

मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत की अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण यानी विकासशील और पिछड़े देशों की समस्याओं को प्राथमिकता देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि भारत इन देशों को विकास, डिजिटल परिवर्तन, हरित ऊर्जा और स्वास्थ्य नवाचारों में भागीदार बनाएगा, ताकि ब्रिक्स एक समावेशी, न्यायपूर्ण और सतत भविष्य की दिशा में काम कर सके।

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