निक्की हेली ने भारत से कहा कि ट्रंप की चेतावनी को गंभीरता से लें। रूस से तेल खरीद और टैरिफ विवाद को जल्द सुलझाना होगा, वरना रिश्तों में दरार आ सकती है।
America: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भारत को आगाह किया है कि वह रूस से तेल खरीद और टैरिफ विवाद जैसे मुद्दों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातों को गंभीरता से ले। उन्होंने कहा कि इन मसलों को समय रहते हल करना जरूरी है, वरना भारत-अमेरिका रिश्तों पर स्थायी असर पड़ सकता है।
भारत-अमेरिका रिश्ते नाजुक दौर में
निक्की हेली ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते लंबे समय से भरोसे और साझेदारी की मजबूत नींव पर खड़े हैं। लेकिन हाल के महीनों में रूसी तेल खरीद और ट्रेड टैरिफ को लेकर जो मतभेद सामने आए हैं, उन्हें तुरंत सुलझाना होगा। उन्होंने साफ कहा कि यह विवाद अगर लंबा चला तो दोनों देशों के बीच की दोस्ती पर असर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह बातचीत कठिन जरूर होगी, लेकिन साझा लक्ष्य ज्यादा अहम हैं।
'अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत'
निक्की हेली ने अपने बयान में जोर दिया कि अमेरिका को चीन का मुकाबला करने के लिए भारत जैसे मजबूत सहयोगी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज जब चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तब भारत का उभार एशिया में शक्ति संतुलन बदल सकता है।
उनका मानना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच दरार आई, तो बीजिंग इस मौके का फायदा उठा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि ट्रंप और पीएम मोदी के बीच सीधी बातचीत हो और मुद्दों का समाधान जल्दी निकले।
पहले भी दी थी चेतावनी
यह पहली बार नहीं है जब निक्की हेली ने इस तरह की बात कही हो। कुछ महीने पहले उन्होंने न्यूजवीक में एक लेख लिखा था। उसमें उन्होंने कहा था कि रूस से तेल खरीद और टैरिफ विवाद जैसे मसले भारत-अमेरिका रिश्तों में स्थायी दरार का कारण नहीं बनने चाहिए।
चीन के बढ़ते खतरे पर चिंता
निक्की हेली का मानना है कि जैसे-जैसे भारत मजबूत होगा, चीन की आर्थिक और राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं कमजोर पड़ेंगी। लेकिन अगर भारत और अमेरिका के बीच मतभेद गहराए, तो चीन को एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय भारत और अमेरिका दोनों को यह समझना होगा कि उनका असली प्रतिद्वंद्वी कौन है।
व्यापार विवाद और तेल आयात पर कठिन बातचीत जरूरी
निक्की हेली ने स्वीकार किया कि ट्रेड टैरिफ और रूसी तेल आयात पर बातचीत आसान नहीं होगी। भारत का मानना है कि उसकी ऊर्जा जरूरतों के लिए सस्ते तेल की खरीद जरूरी है, जबकि अमेरिका चाहता है कि भारत रूस पर अपनी निर्भरता कम करे। इसी तरह टैरिफ विवाद में भी दोनों देशों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। लेकिन निक्की हेली का कहना है कि इन मुद्दों पर जल्द सहमति बनानी होगी।
समाधान में देरी होगी तो नुकसान बढ़ेगा
हेली ने स्पष्ट कहा कि अगर भारत और अमेरिका के बीच मतभेद बढ़े, तो इससे न केवल द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित होंगे, बल्कि एशिया में शक्ति संतुलन भी बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि यह जितनी जल्दी सुलझे, उतना बेहतर होगा।