ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं और उन्होंने भारत पर भरोसा जताते हुए दोनों देशों के व्यापारिक संबंध मजबूत करने की इच्छा जताई। जुलाई में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द लागू करने की योजना है, जिसका लक्ष्य 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार 34 अरब डॉलर तक बढ़ाना है।
Trade: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर 9 अक्टूबर से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, जिसमें वे व्यापार, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने भारत के साथ हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते को जल्द लागू करने की इच्छा जताई, जिससे कपड़े, व्हिस्की और कारों पर टैक्स घटाने सहित बाजार आसान होंगे। यह कदम दोनों देशों के व्यापारिक और राजनीतिक रिश्तों को मजबूत करेगा।
भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता
भारत और ब्रिटेन ने जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत कपड़े, व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और अन्य कई उत्पादों पर टैक्स में कमी करने और व्यापार को आसान बनाने की बात की गई। यह समझौता तीन साल की लंबी बातचीत के बाद मई 2025 में अंतिम रूप दिया गया था। दोनों देशों ने इस समझौते के तहत 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार को 34 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
समझौते का महत्व
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन और भारत दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। इस समझौते से दोनों देशों को आर्थिक लाभ होने की संभावना है। ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन नई व्यापारिक संभावनाओं की तलाश में है। बीपी, रोल्स-रॉयस और बीटी जैसी बड़ी कंपनियां इस समझौते के सफल क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभा रही हैं।
प्रधानमंत्री स्टारमर ने मुंबई पहुंचते ही व्यापारिक प्रतिनिधियों से कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए बड़े अवसर लेकर आएगा। उन्होंने अपनी टीम को निर्देश दिया कि इसे जल्द लागू करना उनकी प्राथमिकता है। इसका उद्देश्य व्यापारिक अवसरों को जल्दी से जल्दी लोगों तक पहुंचाना है।
भारत में भविष्य की योजनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, स्टारमर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता चाहते हैं कि यह समझौता अगले साल के भीतर लागू हो जाए। इस कदम से न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक रिश्तों को भी मजबूती मिलेगी। ब्रिटेन के व्यापारिक समुदाय में इस समझौते को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। ब्रिटिश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की प्रमुख शेवॉन हैविलैंड ने कहा कि सरकार को व्यवसायों पर अधिक टैक्स लगाने से बचना चाहिए और भारत जैसे देशों के साथ मजबूत संबंध बनाकर विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।
वैश्विक व्यापार में चुनोतिया
वर्तमान समय में वैश्विक व्यापार कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जैसे अमेरिकी टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय ट्रेड विवाद। ऐसे समय में ब्रिटेन की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सरकार का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौते के माध्यम से ब्रिटेन वैश्विक व्यापार की जटिलताओं से निपट सकता है और अमेरिकी शुल्कों को कम करने में भी सफल हो सकता है।
इस समझौते के तहत व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा और निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल बड़े उद्योगों को फायदा मिलेगा बल्कि छोटे और मध्यम उद्योगों को भी व्यापार में सहयोग मिलेगा। ब्रिटेन की यह पहल भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।