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CGHS योजना में बड़ा बदलाव: अस्पतालों के लिए नई रेट स्ट्रक्चर लागू, लाभार्थियों को मिलेगी बेहतर सुविधा

CGHS योजना में बड़ा बदलाव: अस्पतालों के लिए नई रेट स्ट्रक्चर लागू, लाभार्थियों को मिलेगी बेहतर सुविधा

13 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय सरकार ने सीजीएचएस (CGHS) के तहत लगभग 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए नई रेट स्ट्रक्चर लागू की। अब मान्यता प्राप्त अस्पतालों को मानक दरें मिलेंगी, सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक और गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम भुगतान होगा। इससे अस्पतालों की भागीदारी बढ़ेगी और लाभार्थियों को बेहतर कैशलेस उपचार की सुविधा मिलेगी।

CGHS Scheme Rule Change: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 अक्टूबर 2025 से सीजीएचएस योजना में व्यापक बदलाव लागू किए हैं, जिसमें लगभग 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं की नई दरें तय की गई हैं। नई बहुस्तरीय मूल्य निर्धारण प्रणाली के तहत एनएबीएच/एनएबीएल मान्यता प्राप्त अस्पतालों को मानक दरें मिलेंगी, सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक और गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम भुगतान होगा। इसका उद्देश्य अस्पतालों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना और लाभार्थियों को बेहतर कैशलेस इलाज मुहैया कराना है, जिससे पुरानी दरों के कारण होने वाली देरी और असंतोष को कम किया जा सके।

CGHS में नए बदलाव

नए ढांचे के तहत बहुस्तरीय मूल्य निर्धारण प्रणाली लागू की गई है। अब अस्पतालों में 2,000 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग दरें तय की जाएंगी। इसके प्रमुख आधार हैं:

  • अस्पताल की मान्यता (एनएबीएच/एनएबीएल मान्यता प्राप्त बनाम गैर-मान्यता प्राप्त)
  • सुविधा का प्रकार (सामान्य बनाम सुपर-स्पेशलिटी)
  • शहर का वर्गीकरण (महानगर बनाम टियर-2 और टियर-3 शहर)
  • रोगी वार्ड पात्रता

कुछ महत्वपूर्ण संशोधन

  • मान्यता प्राप्त अस्पतालों को मानक दरों पर भुगतान किया जाएगा।
  • गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
  • सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक दरें मिलेगी।
  • टियर-2 और टियर-3 शहरों के अस्पतालों को महानगरों की तुलना में 10-20% कम दरें मिलेंगी।

लाभार्थियों के लिए इसका मतलब

नई दरों के लागू होने से अस्पतालों में CGHS लाभार्थियों की भागीदारी बढ़ने की संभावना है। उच्च प्रक्रिया भुगतान के कारण अस्पताल अब लाभार्थियों को आसानी से स्वीकार कर सकते हैं। सुपर-स्पेशलिटी उपचार के लिए अस्पतालों को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे इन उपचारों तक पहुंच बेहतर होगी।

हालांकि, लाभार्थियों के लिए कैशलेस सुविधा अभी भी समय पर रीइंबर्समेंट पर निर्भर करेगी। यह लंबे समय से CGHS का एक प्रमुख मुद्दा रहा है।

अस्पतालों पर प्रभाव

विश्लेषकों के अनुसार, नए ढांचे के लागू होने से उच्च-मूल्य वाले उपचारों में 25-30% वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से सुपर-स्पेशलिटी उपचारों में यह असर अधिक देखा जाएगा। मैक्स हेल्थकेयर, नारायण हेल्थ, फोर्टिस और यथार्थ हॉस्पिटल्स जैसी निजी स्वास्थ्य सेवा कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा होने की संभावना है।

नए ढांचे से अस्पतालों के कैश फ्लो की विजिबिलिटी बेहतर होगी, लेकिन दावों के निपटान में देरी से लाभ में कमी आ सकती है।

लाभार्थियों और अस्पतालों के लिए संतुलित सुधार

आने वाले दिनों में संशोधित दरों और वार्ड पात्रता नियमों की अस्पताल-वार सूची जारी की जाएगी। CGHS लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका चुना हुआ अस्पताल नई दर संरचना को अपना चुका है या नहीं। कुछ गैर-मान्यता प्राप्त केंद्र कम दरों के कारण योजना से बाहर भी हो सकते हैं।

नए बदलाव की सफलता दावों के त्वरित निपटान पर निर्भर करेगी। पिछले प्रयासों में यह एक बड़ी चुनौती रही थी और इसके समाधान से ही लाभार्थियों और अस्पताल दोनों को वास्तविक फायदा मिलेगा।

कुल मिलाकर, CGHS योजना के इस संशोधन से अस्पतालों की भागीदारी और उपचार की गुणवत्ता बढ़ने की संभावना है। लाभार्थियों को बेहतर और तेज़ सेवाएं मिलेंगी और अस्पतालों को सही दरों पर भुगतान मिलने से वित्तीय संतुलन मजबूत होगा।

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