बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सभी राजनीतिक दल अपने ग्राउंड सर्वे में जुट गए हैं। सत्ताधारी NDA और विपक्षी महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट-VIP-RLJP) के बीच चुनावी मुकाबला इस बार भी बेहद रोमांचक होने की संभावना है।
पटना: बिहार की सियासत में इस वक्त हलचल तेज़ हो गई है। सत्ताधारी एनडीए (NDA) के एक आंतरिक सर्वे ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। इस सर्वे के अनुसार, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों गठबंधनों के वोट शेयर में केवल 1 प्रतिशत का अंतर रहने का अनुमान लगाया गया है। यानी मुकाबला बेहद करीबी रहेगा और नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। यह आंकड़ा न केवल विपक्ष बल्कि एनडीए खेमे के लिए भी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि सत्ता में बने रहने के लिए अब रणनीतियों को नए सिरे से तय करना होगा।
NDA के सर्वे में क्या दिखा
एनडीए ने अपने इंटरनल सर्वे में 243 सीटों की बिहार विधानसभा में 130 सीटें हासिल करने का अनुमान लगाया है। यह पिछले चुनाव 2020 में मिली 125 सीटों की तुलना में थोड़ी बढ़त दर्शाता है। एनडीए के सर्वे में बीजेपी, JDU और नीतीश कुमार की लोकप्रियता को ध्यान में रखा गया है। सर्वे में विपक्षी महागठबंधन को 102 से 107 सीटों का अनुमान दिया गया है, जबकि अन्य छोटे दलों को 2-3 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। इस सर्वे में प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज पार्टी’ को लगभग 9% वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जन सुराज पार्टी इस बार कुछ अहम सीटों पर NDA खासकर JDU को नुकसान पहुंचा सकती है, ठीक वैसे ही जैसे 2020 में चिराग पासवान की पार्टी ने सिर्फ एक सीट जीतकर कई क्षेत्रों में NDA की पकड़ कमजोर की थी।
कांग्रेस और महागठबंधन का नजरिया
वहीं, कांग्रेस के ग्राउंड सर्वे में यह संकेत मिला है कि नीतीश कुमार को इस बार एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर का सामना नहीं करना पड़ेगा। पार्टी के नेताओं का मानना है कि बिहार में JDU और NDA के विकास कार्य ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। नीरज कुमार, JDU के MLC, ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने गांव से लेकर शहर तक विकास का उदाहरण पेश किया है।
तेजस्वी यादव की सरकार हर परिवार में सरकारी नौकरी का वादा कर रही है, जो राज्य के वित्तीय संसाधनों और वास्तविकता को देखते हुए संभव नहीं है। हमारी सरकार ‘जीविका दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को ₹10,000 वितरित कर रही है। इससे महिलाएं सशक्त हो रही हैं। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, महागठबंधन और NDA के बीच वोट शेयर का अंतर बेहद कम है, केवल 0.03%, जो इस चुनाव को कांटे का बना रहा है। बिहार चुनाव 2020 में एनडीए को 125 सीटें मिली थीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें। इस बार दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला और भी तीव्र हो सकता है।