बिहार में SIR की सफलता के बाद चुनाव आयोग ने अब इसे देश के 12 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने की घोषणा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह SIR का दूसरा चरण होगा, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाना है।
Pan-India SIR Phase-2: चुनाव आयोग ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि बिहार में विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के सफल क्रियान्वयन के बाद अब इसका दूसरा चरण देश के 12 चयनित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कदम मतदाता सूची को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
देशभर में शुरू होगा SIR का दूसरा चरण
बिहार में SIR के सफलतापूर्वक लागू होने के बाद अब चुनाव आयोग ने इसे देश के 12 अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। इससे चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता बढ़ेगी और हर योग्य मतदाता का नाम सूची में शामिल हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि मतदाता सूची में कोई भी त्रुटि या दोहराव न रहे। इसके लिए तकनीकी साधनों और फील्ड वेरिफिकेशन दोनों का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोग के अनुसार, बिहार में यह अभियान अत्यंत सफल रहा, जिसके बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया जा रहा है।
SIR का मकसद: योग्य मतदाता जोड़ना, दोहराए नाम हटाना
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR अभियान का मुख्य लक्ष्य योग्य मतदाताओं को सूची में जोड़ना और अयोग्य या दोहराए गए नामों को हटाना है। उन्होंने कहा कि इससे मतदाता सूची की शुद्धता में सुधार होगा और फर्जी मतदान की संभावनाएं खत्म होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि 1951 से 2004 तक आठ बार ऐसा पुनरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन अब इसे और व्यापक रूप में लागू किया जा रहा है। इस बार डिजिटल सत्यापन और लोक भागीदारी दोनों पर जोर दिया जाएगा ताकि हर नागरिक का नाम सही तरीके से दर्ज हो सके।
मतदाता सूची आज से फ्रीज, BLO करेंगे घर-घर सर्वे
चुनाव आयोग ने बताया कि जिन राज्यों में SIR का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे से फ्रीज कर दी जाएगी। इसके बाद संशोधन केवल SIR प्रक्रिया के तहत ही संभव होगा। हर विधानसभा क्षेत्र में एक ईआरओ (Electoral Registration Officer) और हर बूथ पर एक बीएलओ (BLO) की नियुक्ति की जाएगी।
प्रत्येक BLO तीन बार घर-घर जाकर मतदाता जानकारी जुटाएंगे। वहीं जो मतदाता अपने क्षेत्र से बाहर हैं, वे इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) ऑनलाइन भर सकेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। चुनाव आयोग का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होगी ताकि हर नागरिक आसानी से इसमें भाग ले सके।
बिहार मॉडल से मिली प्रेरणा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में SIR के सफल संचालन के बाद देश के सभी 36 राज्य निर्वाचन आयुक्तों के साथ बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में अनुभव साझा किए गए और सुधारात्मक सुझावों पर चर्चा हुई। बिहार मॉडल को पारदर्शिता और दक्षता का उदाहरण बताते हुए आयोग ने अन्य राज्यों में इसे अपनाने की सिफारिश की है।
चुनाव आयोग का मानना है कि बिहार में हुए SIR से कई प्रशासनिक और तकनीकी सबक मिले हैं। इन्हीं अनुभवों के आधार पर दूसरे चरण की प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित और सटीक बनाया गया है। इससे भविष्य के चुनावों में मतदाता सूची से जुड़ी गड़बड़ियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।












