Coaching Centers: कोरोनाकाल के दौरान जब पूरी दुनिया ठहर सी गई थी, तब ऑनलाइन शिक्षा एक बड़ी क्रांति बनकर उभरी। स्कूलों से लेकर बड़े कोचिंग सेंटर्स तक, सभी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाया। इसे शिक्षा का भविष्य माना गया, जहां एक क्लिक पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर छात्र की पहुंच में थी। लेकिन 2024 तक आते-आते, यह डिजिटल क्रांति धीमी पड़ गई। EdTech कंपनियां, जो कभी तेजी से आगे बढ़ रही थीं, अब अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं। साथ ही, पारंपरिक ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स भी वित्तीय संकट और प्रबंधन की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
EdTech के असफल होने की वजह

1. प्रेरणा और अनुशासन की कमी
ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों के बीच अनुशासन की कमी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है। उडेमी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 70% छात्र कोर्स पूरा करने से पहले ही छोड़ देते हैं। कई छात्र तो कोर्स के लिए भुगतान करने के बाद इसे शुरू भी नहीं करते।
2. फंडिंग और प्रबंधन संकट
EdTech की दिग्गज कंपनी Byjus, जिसने 2022 में 22 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन का आंकड़ा छुआ, अब गंभीर फंडिंग संकट का सामना कर रही है। कर्ज़ और प्रबंधन में खामियों ने इसे मुश्किलों में डाल दिया।
3. शिक्षक-छात्र संवाद का अभाव
ऑनलाइन शिक्षा में मानवीय संपर्क की कमी ने इसे कम प्रभावी बना दिया है। छात्रों को एकतरफा लेक्चर और सीमित इंटरएक्शन से कोई खास फायदा नहीं हो रहा हैं।
ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स की चुनौतियां

1. आर्थिक संकट और प्रशासनिक कार्रवाई
FIITJEE जैसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान, जो कभी छात्रों के लिए सपनों की जगह थे, अब वित्तीय संकट और प्रशासनिक खामियों से जूझ रहे हैं। उत्तर भारत में FIITJEE के आठ केंद्र हाल ही में बंद हो गए, जिससे सैकड़ों छात्र और अभिभावक निराश हैं।
2. सुरक्षा में खामियां
2023 में दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 60 छात्र घायल हुए थे। इस घटना के बाद दिल्ली सरकार ने 20 से अधिक कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया।
3. शिक्षकों की असंतोषजनक स्थिति
वेतन विवाद के चलते कई संस्थानों के शिक्षक नौकरी छोड़ रहे हैं। FIITJEE के मामले में, शिक्षकों के सामूहिक इस्तीफे ने संस्थान को अपने केंद्र बंद करने पर मजबूर कर दिया।

भविष्य की राह
• ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा दोनों को अपनी कमियों पर ध्यान देना होगा।
• EdTech का सुधार: छात्रों को इंटरएक्टिव और व्यक्तिगत अनुभव देना होगा। साथ ही, उनकी प्रेरणा बनाए रखने के लिए अभिनव तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।
• ऑफलाइन सेंटर्स का सशक्तिकरण: सुरक्षा मानकों का पालन, शिक्षकों के हितों की रक्षा और छात्रों को एक सुरक्षित माहौल देना आवश्यक है।
• सरकारी भूमिका: सरकार को शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
भारत में शिक्षा प्रणाली, चाहे वह EdTech हो या ऑफलाइन कोचिंग, दोनों को एक नई दृष्टि और सुधारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। छात्रों और अभिभावकों का विश्वास जीतने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण अनिवार्य है। तभी ये संस्थान भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।












