Columbus

Cybersecurity Alert ताइवान पर रोज 28 लाख साइबर हमले, चीन पर लगाया बड़ा आरोप

Cybersecurity Alert ताइवान पर रोज 28 लाख साइबर हमले, चीन पर लगाया बड़ा आरोप

ताइवान ने चीन पर रोजाना औसतन 28 लाख साइबर हमलों का आरोप लगाया है, जो पिछले साल के 24 लाख हमलों से 17 प्रतिशत अधिक हैं। नेशनल सिक्योरिटी ब्यूरो के अनुसार इन हमलों का लक्ष्य सरकारी सिस्टम, मेडिकल और डिफेंस सेक्टर को निशाना बनाना और गलत सूचना फैलाकर अविश्वास पैदा करना है।

Cybersecurity Alert: ताइवान ने खुलासा किया है कि चीन की ओर से रोजाना औसतन 28 लाख साइबर हमले किए जा रहे हैं, जो पिछले साल के 24 लाख हमलों से 17 प्रतिशत अधिक हैं। ताइवान के नेशनल सिक्योरिटी ब्यूरो ने बताया कि इन हमलों में सरकारी विभाग, मेडिकल, डिफेंस, टेलीकॉम और एनर्जी सेक्टर को निशाना बनाया जा रहा है। इन हमलों में ऑनलाइन ट्रोल आर्मी का इस्तेमाल कर गलत सूचना फैलाकर जनता का भरोसा कम करने की कोशिश की जा रही है। चीन ने आरोपों को खारिज करते हुए ताइवान पर पलटवार किया है।

साइबर हमलों की संख्या बढ़ी

ताइवान ने खुलासा किया है कि चीन की तरफ से रोजाना औसतन 28 लाख साइबर हमले किए जा रहे हैं, जो पिछले साल के 24 लाख हमलों से 17 प्रतिशत अधिक हैं। नेशनल सिक्योरिटी ब्यूरो (NSB) के डेटा के अनुसार, इन हमलों का मकसद खुफिया जानकारी चुराना, मेडिकल सिस्टम, डिफेंस, टेलीकॉम और एनर्जी सेक्टर को निशाना बनाना और गलत सूचना फैलाकर सरकार के साइबर डिफेंस पर भरोसा कम करना है।

सोशल मीडिया और ऑनलाइन ट्रोल्स का इस्तेमाल

NSB ने बताया कि लगभग 10,000 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान हुई है, जो 15 लाख भ्रामक मैसेज भेज रहे थे। इन हमलों में ऑनलाइन ट्रोल आर्मी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताइवान के अधिकारियों का कहना है कि यह साइबर हमले उसकी संप्रभुता पर हमला करने और सरकारी सिस्टम में अविश्वास पैदा करने की कोशिश हैं।

चीन का पलटवार

चीन ने ताइवान पर ही दोष मढ़ते हुए कहा कि उसकी तरफ से भी साइबर हमले हो रहे हैं। हाल ही में चीन ने ताइवानी सेना के 18 अधिकारियों को अलगाववादी मैसेज फैलाने का आरोप लगाते हुए ईनाम घोषित किया। ताइवान और चीन के बीच लंबे समय से सैन्य और साइबर विवाद चल रहे हैं, और यह आरोप-प्रत्यारोप उसी तनाव का हिस्सा हैं।

ताइवान और चीन के बीच बढ़ते साइबर तनाव ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक और साइबर सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि नागरिकों और संवेदनशील इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान से बचाया जा सके।

Leave a comment