चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक भारत का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6.33% बढ़कर 11.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसमें कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी और रिफंड में कमी मुख्य कारण हैं। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष में 25.20 लाख करोड़ रुपये टैक्स संग्रह का लक्ष्य रखा है।
Direct Tax Collection: भारत सरकार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जबरदस्त बढ़त देखने को मिली है। 12 अक्टूबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.33 प्रतिशत बढ़कर 11.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया। इसमें मुख्य योगदान कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में वृद्धि और रिफंड भुगतान में कमी का रहा। सरकार का लक्ष्य पूरे वित्त वर्ष में 12.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25.20 लाख करोड़ रुपये जुटाना है। नॉन-कॉरपोरेट टैक्स और प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) में भी वृद्धि हुई है, जिससे खजाने की स्थिति मजबूत हुई है।
कॉरपोरेट टैक्स में वृद्धि और रिफंड में कमी
जानकारी के अनुसार, इस साल एक अप्रैल से 12 अक्टूबर तक शुद्ध कॉरपोरेट टैक्स संग्रह लगभग 5.02 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 4.92 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, इस अवधि में जारी रिफंड में 16 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई और यह 2.03 लाख करोड़ रुपये तक रह गया।
गैर-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में भी इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक गैर-कॉरपोरेट कर लगभग 6.56 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 5.94 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह देखा जाए तो कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट दोनों स्रोतों से टैक्स संग्रह में स्थिर और मजबूत वृद्धि हुई है।
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में भी बढ़त
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) संग्रह में भी मामूली बढ़त देखने को मिली है। इस वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक एसटीटी संग्रह 30,878 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की इसी अवधि में यह 30,630 करोड़ रुपये था। इससे यह स्पष्ट होता है कि शेयर बाजार और प्रतिभूतियों से जुड़े लेनदेन में वृद्धि हुई है और निवेशक सक्रिय हैं।
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह की स्थिति
चालू वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स शामिल हैं, 12 अक्टूबर तक 11.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। एक साल पहले यह आंकड़ा लगभग 11.18 लाख करोड़ रुपये था। यानी, एक साल में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 6.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके अलावा, रिफंड समायोजित करने से पहले ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह सालाना आधार पर 2.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। ग्रॉस संग्रह में यह इजाफा सरकार की कर नीति और मजबूत आर्थिक गतिविधियों का परिणाम माना जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 25.20 लाख करोड़ रुपये रखा है। यह लक्ष्य सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि लक्ष्य हासिल करने में कॉरपोरेट सेक्टर की मजबूत स्थिति, आर्थिक सुधार, निवेशकों की सक्रियता और रिफंड भुगतान में नियंत्रण मुख्य भूमिका निभाएंगे।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन के कई पहलू संतोषजनक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। कॉरपोरेट टैक्स की स्थिति मजबूत रही है, गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह में सुधार देखा गया है और एसटीटी संग्रह में स्थिर वृद्धि हुई है।
नॉन कॉरपोरेट टैक्स में भी सुधार
वित्त वर्ष 2025-26 की इस अवधि में नॉन कॉरपोरेट टैक्स संग्रह लगभग 6.56 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष की तुलना में यह 5.94 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि व्यक्तिगत करदाताओं और छोटे व्यवसायों से सरकार के खजाने में जमा होने वाले योगदान को दर्शाती है।
सरकार द्वारा लागू किए गए कर सुधार और रिफंड भुगतान में नियंत्रण के कदमों ने टैक्स संग्रह को मजबूत किया है। साथ ही, कॉरपोरेट टैक्स में इजाफा और निजी करदाताओं की स्थिर आय ने भी इस बढ़त में योगदान दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्थिति सरकार को वित्तीय मजबूती और योजनाओं को लागू करने में सहायक होगी।