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आरबीएल बैंक की बिक्री में मिडिल ईस्ट बैंक की बड़ी एंट्री, जानें डील की पूरी डिटेल

आरबीएल बैंक की बिक्री में मिडिल ईस्ट बैंक की बड़ी एंट्री, जानें डील की पूरी डिटेल

यूएई का एमिरेट्स एनबीडी बैंक पीजेएससी आरबीएल बैंक का अधिग्रहण करने के फाइनल चरण में है, जिसमें 15,000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। डील के बाद बैंक में इसका 51 फीसदी हिस्सा होगा। यह कदम भारत में मिडिल ईस्ट बैंक की उपस्थिति मजबूत करेगा और आरबीएल बैंक के शेयरों में रिकॉर्ड तेजी देखी गई है।

RBL Bank: भारत के प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ी डील होने जा रही है। यूएई का दूसरा सबसे बड़ा बैंक एमिरेट्स एनबीडी बैंक पीजेएससी आरबीएल बैंक के अधिग्रहण के लिए 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करने के फाइनल चरण में है। डील इक्विटी शेयरों और वारंट्स के माध्यम से होगी, जिसके बाद बैंक में एमिरेट्स एनबीडी का हिस्सा 51 फीसदी तक पहुंच जाएगा। यह अधिग्रहण भारत-पश्चिम एशिया रेमिटेंस मार्केट में बैंक की उपस्थिति को मजबूत करेगा। आरबीएल बैंक के शेयर हाल ही में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं, और औपचारिक घोषणा आरबीएल की 18 अक्टूबर की बोर्ड बैठक के दौरान की जा सकती है।

डील के पूरा होने पर विदेशी हिस्सेदारी

आरबीएल का मौजूदा मार्केट कैप लगभग 17,786.8 करोड़ रुपए है। इस निवेश के पूरा होने पर एमिरेट्स एनबीडी बैंक के पास बैंक की विस्तारित इक्विटी पूंजी का 51 प्रतिशत हिस्सा होगा। इससे यूएई बैंक आरबीएल का सबसे बड़ा और नियंत्रक शेयरहोल्डर बन जाएगा। इससे बैंक के संचालन और निर्णय प्रक्रिया में विदेशी बैंक की मजबूत उपस्थिति होगी।

सूत्रों ने बताया कि आरबीआई ने हाल ही में इस कंट्रोल परिवर्तन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस निवेश से एशिया में एमिरेट्स एनबीडी की उपस्थिति बढ़ेगी और भारत-पश्चिम एशिया के उच्च वृद्धि वाले रेमिटेंस मार्केट में बैंक की स्थिति मजबूत होगी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी भारत को भेजे जाने वाले कुल रेमिटेंस का लगभग आधा हिस्सा प्रदान करते हैं। वित्त वर्ष 2024 में खाड़ी देशों से 38.7 अरब डॉलर की राशि भारत आई, जिसमें यूएई का योगदान सबसे अधिक था।

आरबीएल बैंक की बोर्ड बैठक और डील की औपचारिक घोषणा

आरबीएल बैंक की 18 अक्टूबर को बोर्ड बैठक होने वाली है। इस बैठक में बैंक के सितंबर में समाप्त तिमाही और अर्धवार्षिक परिणामों को मंजूरी दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि औपचारिक डील की घोषणा बैठक के दौरान या उससे पहले की जा सकती है।

कोल्हापुर स्थित आरबीएल बैंक 100 प्रतिशत पब्लिक कंपनी है, जिसमें कई घरेलू संस्थान और म्यूचुअल फंड छोटी हिस्सेदारी रखते हैं। इस डील में ईवाई और जेपी मॉर्गन सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं।

आरबीएल के शेयरों में रिकॉर्ड तेजी

आरबीएल बैंक के शेयरों ने हाल के महीनों में रिकॉर्ड प्रदर्शन किया है। पिछले महीने शेयर में 6.58 प्रतिशत का उछाल देखा गया। इस साल अब तक शेयरों में लगभग 86 प्रतिशत की बढ़त हुई है। मंगलवार को बीएसई पर बैंक का शेयर 293.35 रुपए पर कारोबार कर रहा था और कारोबारी सत्र में 299.65 रुपए तक पहुंचकर 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर को छू गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस डील का स्ट्रक्चर हाल ही में हुए आईएचसी-सम्मान कैपिटल डील की तरह होगा, जिसमें तरजीही आवंटन और वारंट के बाद ओपन ऑफर शामिल है।

देश में हुई अन्य बड़ी बैंकिंग डील्स

आरबीएल बैंक और यूएई बैंक के बीच यह डील भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग डील में से एक होगी। इस साल की शुरुआत में जापान की SMBC ने यस बैंक में 20 प्रतिशत अल्पमत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके अलावा, मित्सुबिशी यूएफजी फाइनेंशियल ग्रुप श्रीराम फाइनेंस में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सक्रिय रहा।

इस तरह के विदेशी निवेश ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में नए अवसर और वैश्विक साझेदारी के दरवाजे खोले हैं।

आरबीआई के एफडीआई नियम और नियंत्रण हिस्सेदारी

वर्तमान एफडीआई नियम के तहत भारतीय निजी बैंकों में कुल विदेशी भागीदारी 74 प्रतिशत तक की अनुमति है। प्रत्येक यूनिट में विदेशी हिस्सेदारी अधिकतम 15 प्रतिशत तक सीमित है। आरबीआई नियम किसी भी विदेशी बैंक को भारतीय बैंक में नियंत्रक हिस्सेदारी लेने की अनुमति नहीं देते हैं।

हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। उदाहरण के लिए, 2018 में प्रेम वत्स के फेयरफैक्स द्वारा बीमार कैथोलिक सीरियन बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी और 2020 में डीबीएस द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण। इस मामले में भी आरबीआई ने मतदान अधिकारों पर सख्ती बरती है, जो 26 प्रतिशत तक सीमित है।

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