सहारनपुर पुलिस ने एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 12 घंटे में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर 240 फर्जी डिग्रियां और उपकरण बरामद किए। गिरोह की डिग्री दिल्ली पुलिस भर्ती में पकड़ी गई थी।
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पुलिस ने मंगलवार को एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश किया है। थाना सदर बाजार पुलिस और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में मात्र 12 घंटे के भीतर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से 240 फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट, चार लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई। यह गिरोह कई राज्यों में सक्रिय था और बेरोजगार युवाओं को फर्जी डिग्रियों के नाम पर ठग रहा था।
फर्जी डिग्री से दिल्ली पुलिस भर्ती में बड़ा खुलासा
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गिरोह द्वारा बनाई गई एक फर्जी डिग्री का उपयोग दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा में किया गया था। वेरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी साबित हुई, जिसके बाद पूरे नेटवर्क की तलाश शुरू हुई।
इसी सुराग के आधार पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपियों को चिन्हित किया। मंगलवार शाम रेलवे लाइन के पास चेकिंग के दौरान पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान पर्वत कुमार, रिंकू कुमार, जसबीर उर्फ काला, अक्षय देव और वरुण शंकर के रूप में हुई।
शिकायत से खुला फर्जीवाड़े का जाल
27 अक्टूबर को गोविंद नगर निवासी अश्विनी कुमार ने थाने में शिकायत दी थी कि रिंकू और जसबीर नामक दो व्यक्तियों ने उनसे 70 हजार रुपये लेकर असली मार्कशीट दिलाने का वादा किया, पर बाद में फर्जी दस्तावेज थमा दिए।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने विशेष टीम गठित की। जांच में पता चला कि आरोपी न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि प्रदेश और अन्य राज्यों में भी सक्रिय थे। पूछताछ में गिरोह के पास से मिली डिग्रियों में मेडिकल, इंजीनियरिंग और एजुकेशन जैसे कोर्सों की नकली मार्कशीट शामिल थीं।
बेरोजगार युवाओं से ठगते थे लाखों रुपये
गिरोह बेरोजगार युवाओं को आसान सरकारी नौकरी और मेडिकल डिग्री का लालच देकर ठगता था। आरोपी 1 लाख से लेकर 4.5 लाख रुपये तक वसूलते थे और B.Tech, BUMS, MBBS, B.Ed जैसी फर्जी डिग्रियां तैयार करते थे।
जसबीर उर्फ काला खुद को “PhD धारक” बताकर लोगों को भरोसे में लेता था। गिरोह का मास्टरमाइंड पर्वत कुमार मेरठ का निवासी है, जो आधुनिक प्रिंटर और स्कैनर से उच्च गुणवत्ता वाली नकली डिग्रियां बनाता था।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह का नेटवर्क यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और नागालैंड तक फैला हुआ है। पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फरार सात अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि जल्द ही गिरोह के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार कर पूरी साजिश का खुलासा किया जाएगा। फिलहाल पुलिस यह भी जांच कर रही है कि अब तक कितने अभ्यर्थियों ने इन फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया।













