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दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहाने ठगने वाले सात आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहाने ठगने वाले सात आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहाने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। चार राज्यों में नौ दिन के अभियान में आरोपियों को पकड़ा गया, जिन्होंने 22 लाख रुपये से अधिक की ठगी की थी।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहाने लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी राजा बंठिया के मुताबिक, आरोपियों को चार राज्यों में 1,800 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए नौ दिन के अभियान में पकड़ा गया।

जांच का आरंभ तब हुआ जब दिल्ली के बुराड़ी निवासी 36 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुकेश कुमार को एक फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से 22 लाख रुपये से अधिक की ठगी का शिकार होना पड़ा।

फर्जी कंपनी और ट्रेडिंग एप से निवेशकों को ठगा

पुलिस के अनुसार, आरोपी मुकेश को सोशल मीडिया विज्ञापन के जरिए फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग फर्म के समूह में शामिल कराते थे। समूह के सदस्य खुद को विशेषज्ञ ट्रेडर बताते और नकली मुनाफे के स्क्रीनशॉट शेयर करके निवेशकों को लुभाते थे।

एक आरोपी कपिल जयकल्याणी ने खुद को कंपनी का निदेशक बताया और मुकेश को भरोसा दिलाया कि कंपनी SEBI में रजिस्टर्ड है। पीड़ित को एक ट्रेडिंग एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया, जिसे बाद में एक अन्य वेबसाइट पर भेजा गया। शुरुआती थोड़े मुनाफे ने पीड़ित को और निवेश के लिए प्रेरित किया, लेकिन अंततः उन्हें ग्रुप से ब्लॉक कर दिया गया।

चोरी की रकम ऑनलाइन गेमिंग वॉलेट में ट्रांसफर

पुलिस ने पूछताछ में पाया कि आरोपियों ने कुल जमा राशि का कुछ प्रतिशत कमीशन के बदले नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल और सिम कार्ड अन्य सहयोगियों को उपलब्ध कराया।

अतुल कुमार और प्रशांत सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने फर्जी फर्मों के जरिए चालू खाते खोले और चोरी की गई रकम को ऑनलाइन गेमिंग वॉलेट में भेजा। इसके अलावा, राजस्थान के झुंझुनू और अलवर से कुछ आरोपियों ने बैंक खाते और डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर पैसों का हस्तांतरण किया।

फर्जी कंपनी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दिल्ली से अतुल कुमार, उत्तर प्रदेश से प्रशांत सिंह, बिहार से भावेश कुमार खान, राजस्थान से सुमित झाझरिया, योगेश कुमार, गौरव और विवेक कुमार सत्तावन शामिल हैं।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने 10 मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड, 17 डेबिट कार्ड, लैपटॉप, पैन कार्ड, चेक बुक और फर्जी फर्मों के दस्तावेज बरामद किए। इन उपकरणों से मिली जानकारी का विश्लेषण अब आगे की जांच में किया जा रहा है।

विदेशी कनेक्शन की जांच जारी

जांच में पता चला कि साइबर गिरोह के सोशल मीडिया सर्वरों तक मलेशिया से पहुंच बनाई जा रही थी, जो संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की ओर इशारा करती है।

पुलिस ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 46 समान शिकायतें चिन्हित की हैं। गिरोह के शेष सदस्यों का पता लगाने और उनके विदेशी कनेक्शन की पहचान करने के लिए जांच जारी है।

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