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जम्मू-कश्मीर: चार साल बाद बहाल हुई दरबार मूव की परंपरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किया एलान

जम्मू-कश्मीर: चार साल बाद बहाल हुई दरबार मूव की परंपरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किया एलान

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चार साल पहले बंद हुई दरबार मूव की परंपरा एक बार फिर बहाल हो गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने कार्यकाल के एक साल पूरे होने के अवसर पर वीरवार को इसकी औपचारिक घोषणा की।

श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चार साल बाद दरबार मूव की परंपरा फिर से बहाल कर दी गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार को अपने कार्यकाल के एक साल पूरा होने के अवसर पर इसका औपचारिक एलान किया। दरबार मूव की परंपरा डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह के शासनकाल में 1872 में शुरू हुई थी। 

इस परंपरा के तहत सरकारी कार्यालय ग्रीष्मकाल (मई से अक्टूबर) में श्रीनगर और शीतकाल (नवंबर से अप्रैल) में जम्मू में स्थानांतरित किए जाते थे। इस प्रक्रिया में लगभग 10,000 कर्मचारी, साथ ही फर्नीचर, दस्तावेज और कंप्यूटर सिस्टम की आवाजाही शामिल होती थी।

दरबार मूव पर रोक और पुनः बहाली

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने 30 जून 2021 को इस परंपरा को बंद कर दिया था। उस समय तर्क दिया गया कि इससे सरकारी खजाने में करोड़ों रुपये की बचत होगी। साथ ही यह भी कहा गया कि अभिलेखों का डिजिटलीकरण भौतिक स्थानांतरण की आवश्यकता को कम कर देता है।हालांकि, जम्मू के व्यापारियों और स्थानीय समाज के प्रतिनिधियों ने बार-बार इसकी बहाली की मांग की थी। 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर कहा, हमने प्रदेश के लोगों से दरबार मूव बहाल करने का वादा किया था। हमारी कैबिनेट ने इसका प्रस्ताव पास किया और उपराज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी। हमारा वादा अब पूरा हो गया है। दरबार मूव की पुनः बहाली से सरकारी खजाने पर लगभग 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसे ऐतिहासिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा कर्मचारियों और आम जनता के हित में जारी रहेगी।

भाजपा पर निशाना

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि दरबार मूव को रोकना एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा और जम्मू-कश्मीर की विरासत को नुकसान पहुँचाने जैसा था। उन्होंने कहा, जो लोग हमारे विरासत और इतिहास की अनदेखी का आरोप लगाते हैं, उन्हें बताना चाहता हूं कि भाजपा से ज्यादा किसी ने हमारी विरासत को नुकसान नहीं पहुँचाया।"

दरबार मूव की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री ने स्कूल एवं शिक्षा विभाग में कार्यरत 863 अस्थायी सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले इन कर्मचारियों को केवल 500-1000 रुपये मानदेय मिलता था, अब उन्हें स्थायी कर्मचारी जैसी सारी सुविधाएं मिलेंगी। उमर अब्दुल्ला ने बताया कि अन्य विभागों में भी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया जारी है।

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