दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अंतर्राष्ट्रीय ड्रग कार्टल का भंडाफोड़ कर पूर्व सीबीआईसी अधिकारी रोहित कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया; उसके पास से 21.512 किलो हाइड्रोपोनिक गांजा (≈₹27.24 करोड़), ₹44.42 लाख नकद, कार व स्कूटी बरामद हुई।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय एक ड्रग कार्टल का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने एक पूर्व केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से करीब 21.5 किलो हाइड्रोपोनिक गांजा (Hydroponic Marijuana) बरामद हुआ, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 27.24 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह वही गांजा है जिसे समुद्र में विशेष तकनीक से उगाया जाता है और जिसे क्लब पार्टियों में महंगे नशे के रूप में बेचा जाता है।
ड्रग नेटवर्क से जुड़ा पूर्व अधिकारी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान रोहित कुमार शर्मा उर्फ ‘रोबिट’ के रूप में हुई है, जो पहले CBIC में अधिकारी था और फिलहाल नजफगढ़ के गोपाल नगर में रहता था। पुलिस ने उसके पास से 44.42 लाख रुपये नकद, एक कार और एक स्कूटी भी जब्त की है।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और थाईलैंड, दुबई और भारत के बीच नशे की खेपें मंगवाने में मदद करता था। उसकी गिरफ्तारी से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय ड्रग सप्लाई चैन को एक बड़ा झटका लगा है।
समुद्र में उगाए जाने वाले गांजे की हो रही थी तस्करी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी जिस नशे की तस्करी कर रहा था, वह “हाइड्रोपोनिक मारिजुआना” नाम की दुर्लभ किस्म है। इसे समुद्र में नियंत्रित तापमान और पोषक तरल पदार्थों के माध्यम से तैयार किया जाता है, जिससे इसकी नशे की क्षमता सामान्य गांजे से कई गुना अधिक होती है।
यह ड्रग खासतौर पर हाई-प्रोफाइल पार्टियों और क्लबों में बेची जाती थी। पुलिस के मुताबिक, इसकी बदबू इतनी तीव्र होती है कि इसे आमतौर पर एयरटाइट पैकिंग में तस्करी किया जाता था ताकि हवाई अड्डों पर स्कैनिंग से बचा जा सके।
थाईलैंड से दिल्ली तक फैला ड्रग नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि यह पूरा नेटवर्क दुबई और थाईलैंड में बैठे गिरोह के इशारों पर चलता था। खेपें बैंकॉक से उड़ान भरती थीं और गुवाहाटी जैसे कम व्यस्त हवाई अड्डों के माध्यम से भारत लाई जाती थीं। इसके बाद इन्हें कूरियर सेवाओं की मदद से दिल्ली पहुंचाया जाता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी रोहित शर्मा सीमा शुल्क विभाग में अपने पुराने संपर्कों का फायदा उठाकर खेपों को क्लियर कराता था। बदले में उसे मोटा कमीशन मिलता था, जिससे वह आलीशान जीवन जी रहा था।
क्रिप्टो और हवाला से होती थी मनी लॉन्ड्रिंग
नशीले पदार्थों की बिक्री से हुई कमाई को आरोपी क्रिप्टोकरेंसी में बदल देता था। पुलिस का कहना है कि “ड्रग मनी” को USDT जैसे डिजिटल कॉइन में परिवर्तित कर हवाला नेटवर्क के जरिए दुबई भेजा जाता था ताकि पैसों के स्रोत का कोई रिकॉर्ड न रहे।
क्राइम ब्रांच अब आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा है जो भारत में सक्रिय रूप से काम कर रहा था।













