महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर विवादों में है। अजित पवार गुट के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायक प्रकाश सोलंके (Prakash Solanke) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मुंबई: मध्य महाराष्ट्र के माजलगांव से पांच बार के विधायक और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता प्रकाश सोलंके इन दिनों विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वे यह स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को शराब, मांस और नकदी जैसे प्रलोभन दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह बयान उन्होंने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में संबोधन के दौरान दिया था।
वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया है। विपक्षी दलों ने प्रकाश सोलंके पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है।
वीडियो में क्या बोले विधायक प्रकाश सोलंके?
यह वीडियो माजलगांव (बीड़ जिला) का बताया जा रहा है, जहां विधायक प्रकाश सोलंके आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। वीडियो में सोलंके को यह कहते सुना जा सकता है कि, हमारे पास चुनाव जीतने का अनुभव है। हम जानते हैं कि किस मतदाता को मतदान से पहले शराब की बोतल देनी है, किसे मुर्गा या बकरा देना है और किसे ‘लक्ष्मी दर्शन’ (यानी नकदी) की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ टिकट मिलने की इच्छा काफी नहीं है, उम्मीदवार के पास खर्च करने की क्षमता (Financial Strength) भी होनी चाहिए। अगर प्रतिद्वंद्वी 100 रुपये खर्च करता है, तो हमारे उम्मीदवार को भी उतना ही खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस बयान पर मौजूद कार्यकर्ता ठहाके लगाकर हंसते नजर आए। हालांकि, सोलंके के इस बयान के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर नाराजगी जाहिर की है।

विपक्ष का हमला और बढ़ता विवाद
वीडियो वायरल होते ही विपक्षी पार्टियों ने एनसीपी (अजित पवार गुट) पर हमला बोल दिया। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह बयान लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाने वाला है। कांग्रेस नेता ने कहा, जब विधायक खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि चुनाव में शराब और पैसे का इस्तेमाल होता है, तो सरकार को तुरंत इस मामले की जांच करानी चाहिए।
वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह भारतीय चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाने जैसा है। कई यूज़र्स ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) से सोलंके पर कार्रवाई की मांग की है।
सोलंके का पक्ष - बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
विवाद बढ़ने के बाद विधायक प्रकाश सोलंके ने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान “विडंबना के तौर पर” दिया गया था, न कि गंभीर दावे के रूप में।
उनका कहना है कि उन्होंने केवल “पिछले समय की चुनावी प्रवृत्तियों” पर व्यंग्य किया था और कार्यकर्ताओं को ईमानदार राजनीति की राह पर चलने की सलाह दी थी।
मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने सिर्फ यह बताया था कि चुनाव जीतना आसान नहीं होता और कई बार गलत तरीके अपनाए जाते हैं, जिन्हें हमें खत्म करना चाहिए। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चाहे बयान व्यंग्य में दिया गया हो या सच में, लेकिन इसने महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति के कड़वे सच को सामने रख दिया है।
प्रकाश सोलंके मध्य महाराष्ट्र के माजलगांव विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक हैं और अजित पवार गुट की एनसीपी से जुड़े हुए हैं। वे पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रह चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सोलंके का यह बयान उस समय सामने आया है जब राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी जोरों पर है। ऐसे में उनका यह वीडियो सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।












