पंजाब में पराली जलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। एक हफ्ते में 580 नए केस सामने आए हैं और अब तक 302 किसानों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सरकार ने किसानों पर जुर्माना लगाते हुए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
चंडीगढ़: पंजाब में पराली जलाने के मामलों में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में राज्य में ऐसे मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक बढ़कर 933 पहुंच गई है। सरकार ने अब तक 302 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जबकि कई किसानों पर जुर्माना और प्रशासनिक कार्रवाई भी की गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे लेकर बीजेपी पर राजनीतिक आरोप लगाते हुए कहा कि “किसानों को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।”
एक हफ्ते में दोगुने हुए पराली जलाने के केस
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच 580 नए मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। इससे पहले, 15 सितंबर से 20 अक्टूबर तक कुल 353 मामले दर्ज किए गए थे। यानी, सिर्फ सात दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में 200 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज हुई है।
सोमवार को राज्य में 147 मामले सामने आए, जो इस सीजन का सबसे ऊंचा दैनिक आंकड़ा था। हालांकि, मंगलवार को यह संख्या घटकर 43 रही। विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में गिरावट और कटाई के बढ़ते चरणों के चलते किसानों ने फसल अवशेष निपटाने के लिए पराली जलाना शुरू किया है।
किसानों पर सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने अब तक 302 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही, 337 किसानों की जमीनों पर रेड एंट्री डाल दी गई है, जिससे वे अब आसानी से जमीन खरीद-बेच या बैंक लोन नहीं ले पाएंगे।
इसी के साथ प्रशासन ने 386 मामलों में लगभग 19.80 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि पराली जलाने की घटनाएं जारी रहीं, तो दोषी किसानों को भविष्य की सरकारी योजनाओं और सब्सिडी से भी वंचित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का बीजेपी पर पलटवार

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र और बीजेपी, दिल्ली की खराब हवा के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहरा रही हैं, जबकि दिल्ली की वायु दिशा उत्तर से दक्षिण की बजाय पश्चिम से पूर्व की ओर चल रही है, जिससे पराली का धुआं राजधानी तक नहीं पहुंच सकता।
मान ने कहा, “बीजेपी किसान विरोधी मानसिकता से ग्रस्त है। यह मुद्दा पर्यावरण का नहीं, बल्कि किसानों को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है।” उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों और सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से वैकल्पिक उपायों के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
सरकार ने प्रशासन को दिए सख्त निर्देश
राज्य के पर्यावरण विभाग ने जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं कि हर पराली जलाने की घटना पर तुरंत एक्शन लिया जाए। उपग्रह निगरानी और ड्रोन सर्वे के जरिए भी खेतों की निगरानी की जा रही है।
वहीं, विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि यदि किसानों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित किया जाए और मशीनरी समय पर उपलब्ध कराई जाए, तो पराली जलाने की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।











