पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले ने राजनीति गरमा दी है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर हमला बोला, जबकि पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
Durgapur gangrape case: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार (gangrape) का मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा नेता और विपक्षी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और ममता सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सार्वजनिक रूप से 'तृणमूल हटाओ, बेटी बचाओ' का नारा दिया। अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जांच में बाधा डाल रही है और प्रशासन पीड़िता और उनके परिवार पर दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के अधिकारी सुबह आठ बजे उन्हें फोन करके दबाव डालने की बात कह रहे थे।
पुलिस कार्रवाई
इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और बाद में दो और आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने बताया कि रविवार को गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को दुर्गापुर की एक स्थानीय अदालत ने 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा। गिरफ्तार आरोपियों में स्थानीय निवासी शामिल हैं, जिन पर लड़की के साथ कथित सामूहिक बलात्कार करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार जांच जारी है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पीड़िता की स्थिति
पीड़िता ओडिशा की रहने वाली है और एक निजी मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा है। उसके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की निगरानी की जा रही है। पीड़िता के माता-पिता को प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रदान की गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने उनके इलाज और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
ओडिशा महिला आयोग का दौरा
ओडिशा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सोवाना मोहंती की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम सोमवार को दुर्गापुर पहुंची। टीम का उद्देश्य पीड़िता और उनके परिवार से मुलाकात करना, उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जाँच करना और मामले की जांच प्रक्रिया की समीक्षा करना है। मोहंती ने कहा कि टीम पश्चिम बंगाल सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगी, जिसमें पीड़िता के इलाज, सुरक्षा और मामले की त्वरित सुनवाई पर ध्यान दिया जाएगा।
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था (law and order) चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस का दबाव जांच और सुरक्षा पर हावी है। अधिकारी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को भी पीड़िता और डॉक्टरों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ओडिशा से आई महिला आयोग की टीम को भी राज्य प्रशासन द्वारा रोकने की कोशिश की गई।