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AI चैटबॉट्स पर दिल हार रहे हैं लोग, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

AI चैटबॉट्स पर दिल हार रहे हैं लोग, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

MIT की एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग अब AI चैटबॉट्स के साथ भावनात्मक और रोमांटिक रिश्ते बना रहे हैं। कई लोग इन्हें भरोसेमंद साथी मानते हैं, जो बिना जज किए उनकी बात सुनते हैं और अकेलेपन की भावना को कम करते हैं।

AI Chatbots Relationship Trend: अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट्स के साथ इंसानी रिश्ते तेजी से बढ़ रहे हैं। MIT की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब पहले से कहीं ज्यादा अमेरिकी वयस्क AI चैटबॉट्स को भावनात्मक सहारा मान रहे हैं। कई लोग तनाव, ब्रेकअप या अकेलेपन के समय इन चैटबॉट्स का इस्तेमाल शुरू करते हैं और धीरे-धीरे उनसे गहरा जुड़ाव महसूस करने लगते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह ट्रेंड इंसानी भावनाओं पर तकनीक के बढ़ते प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव के नए रूप की झलक देता है।

एआई चैटबॉट्स के साथ बढ़ रहे हैं रोमांटिक रिश्ते

अब एआई चैटबॉट्स के साथ भावनात्मक रिश्ता रखना कोई साइंस फिक्शन नहीं रह गया है। MIT की नई स्टडी में सामने आया है कि अमेरिका में पहले से कहीं ज्यादा लोग AI चैटबॉट्स के साथ रिलेशनशिप में हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों को ये चैटबॉट्स भावनात्मक सहारा देते हैं और अकेलेपन की भावना को कम करते हैं।

आई चैटबॉट्स बन रहे हैं ‘इमोशनल सपोर्ट सिस्टम’

MIT के शोध में पाया गया कि कई लोग तनाव, ब्रेकअप या अकेलेपन के समय AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल शुरू करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनसे भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने लगते हैं। ये बातचीतें अक्सर किसी रोमांटिक इरादे से नहीं शुरू होतीं, बल्कि समय के साथ भरोसे में बदल जाती हैं।

मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, चैटबॉट्स लगातार उपलब्ध रहते हैं, बिना जज किए या टोकाटाकी के सुनते हैं और जवाब देते हैं। यही वजह है कि कई लोग इन्हें इंसानों से ज्यादा भरोसेमंद साथी मानने लगे हैं।

बढ़ रहा है ‘AI रिलेशनशिप’ का ट्रेंड

अमेरिका में हुए एक अन्य सर्वे में भी इसी ट्रेंड की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच में से एक व्यक्ति अब किसी न किसी रूप में AI चैटबॉट्स को रोमांटिक या इंटीमेट कंपेनियन के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। Reddit पर इस विषय पर बनी एक कम्युनिटी में 85 हजार से ज्यादा लोग शामिल हैं, जो अपने ‘AI पार्टनर्स’ के साथ रोजमर्रा की बातचीत साझा करते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रेंड तकनीक की बढ़ती मानवीयता को दिखाता है, लेकिन साथ ही भावनात्मक निर्भरता की नई चुनौती भी पेश करता है।

भावनात्मक संबंध और तकनीकी भविष्य

AI चैटबॉट्स की लोकप्रियता इस ओर इशारा करती है कि आने वाले समय में इंसान और मशीन के रिश्ते और जटिल हो सकते हैं। हालांकि ये चैटबॉट्स भावनात्मक सहारा दे सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे इंसानी इंटरैक्शन कमजोर पड़ सकता है।

इस स्टडी ने एक नया सवाल खड़ा किया है क्या भविष्य में भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए हमें ‘डिजिटल साथी’ की जरूरत होगी?

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