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एनसीईआरटी का नया विभाजन मॉड्यूल: कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा 'इतिहास को समझना जरूरी'

एनसीईआरटी का नया विभाजन मॉड्यूल: कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा 'इतिहास को समझना जरूरी'

कांग्रेस ने एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल पर निशाना साधा है, जिसमें भारत-पाकिस्तान विभाजन को लेकर सामग्री शामिल है। कांग्रेस का आरोप है कि एनसीईआरटी को इस विषय पर सही जानकारी नहीं है।

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान विभाजन को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने हाल ही में विशेष शैक्षिक मॉड्यूल जारी किया है, जिसे ‘विभाजन के अपराधी’ (Culprits of Partition) शीर्षक दिया गया है। यह मॉड्यूल मुख्य रूप से कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए तैयार किया गया है और इसमें विभाजन के लिए मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है।

हालांकि, यह किसी भी कक्षा की मुख्य पाठ्यपुस्तक का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसे पूरक शैक्षिक सामग्री के रूप में तैयार किया गया है। छात्रों को इसे पोस्टर, प्रोजेक्ट, वाद-विवाद और चर्चा के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

कांग्रेस ने जताई आपत्ति

एनसीईआरटी के इस नए मॉड्यूल पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह मॉड्यूल इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं करता। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी को भारत-पाकिस्तान विभाजन के वास्तविक तथ्यों की जानकारी नहीं है। भाजपा और उनके समर्थक इस मॉड्यूल का उपयोग राजनीति करने के लिए कर रहे हैं।

संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण और उसमें आरएसएस का उल्लेख भी निराशाजनक था। उनके अनुसार, ऐसा प्रतीत हुआ जैसे यह भाषण किसी को खुश करने या राजनीतिक संदेश देने के लिए किया गया।

एनसीईआरटी मॉड्यूल की प्रमुख विशेषताएं

इस मॉड्यूल में विभाजन के लिए तीन प्रमुख जिम्मेदारों को चिन्हित किया गया है:

  • मुहम्मद अली जिन्ना – मॉड्यूल के अनुसार, जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग को तेज किया और विभाजन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
  • कांग्रेस – कांग्रेस पर आरोप है कि उसने विभाजन को स्वीकार किया और इसे लागू होने दिया।
  • लॉर्ड माउंटबेटन – अंतिम चरण में विभाजन को लागू करने और उसके प्रशासनिक ढांचे को तैयार करने का श्रेय माउंटबेटन को दिया गया।

इसके अलावा मॉड्यूल में पंडित जवाहरलाल नेहरू के जुलाई 1947 के भाषण का उद्धरण भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “विभाजन बुरा है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज्यादा होगी।” यह उद्धरण उस समय की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

शैक्षिक दृष्टिकोण

एनसीईआरटी का यह प्रयास छात्रों को इतिहास के जटिल पक्षों को समझाने के लिए है। यह मॉड्यूल मुख्य रूप से चर्चा और परियोजना आधारित सीखने को प्रोत्साहित करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के पूरक मॉड्यूल से छात्र इतिहास की विभिन्न दृष्टिकोणों को समझ सकते हैं और विवादास्पद घटनाओं पर स्वतंत्र सोच विकसित कर सकते हैं।

हालांकि, राजनीतिक दलों के बीच इस पर विवाद जारी है। कांग्रेस का कहना है कि इतिहास को राजनीतिक दृष्टि से प्रभावित करना उचित नहीं है और छात्रों को तथ्यात्मक और संतुलित जानकारी मिलनी चाहिए।

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