Columbus

गाजा में सीजफायर के बीच हमास का धोखा, बंधकों के अवशेष में मिली गड़बड़ी

गाजा में सीजफायर के बीच हमास का धोखा, बंधकों के अवशेष में मिली गड़बड़ी

गाजा में सीजफायर के बीच हमास ने इजरायल को फिर धोखा दिया। हाल ही लौटाए गए बंधक के अवशेष में से एक असली इजरायली बंधक का नहीं था। नेतन्याहू ने इसे युद्धविराम उल्लंघन बताया। इससे दोनों पक्षों के बीच भरोसे और संघर्ष विराम की स्थिरता पर सवाल उठे हैं।

World News: गाजा में जारी सीजफायर के बीच हमास ने इजरायल को एक बार फिर धोखा दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद इस घटना का खुलासा किया। नेतन्याहू ने बताया कि हाल ही में लौटाए गए बंधक के अवशेष, लगभग दो साल पहले इजरायली सैनिकों द्वारा गाजा में बरामद किए गए एक बंधक के शरीर के अंग थे।

नेतन्याहू ने इसे अमेरिका की मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम समझौते का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि हमास ने इस कदम से युद्धविराम समझौते की शर्तों की अवहेलना की है। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि हमास अभी भी इजरायल के साथ पूरी तरह से सहयोग करने के मूड में नहीं है।

हमास का बयान

हमास ने दावा किया है कि गाजा में अब भी 13 बंधकों के शव हैं। उन्होंने कहा कि भारी तबाही के बीच यह चुनौतीपूर्ण है कि सभी शवों को ढूंढा और लौटाया जाए। हमास का यह भी कहना है कि वे शवों को तलाशने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं इजरायल ने हमास पर जानबूझकर शवों को लौटाने में देरी करने का आरोप लगाया।

हमास और इजरायल के बीच यह घटनाक्रम युद्धविराम को लागू करने के अगले चरणों में बाधा डाल रहा है। दोनों पक्षों की नाराजगी और अविश्वास का यह नया संकेत माना जा रहा है।

पहले भी हो चुका है धोखा

यह पहला मौका नहीं है जब हमास ने इजरायल के साथ धोखा किया हो। इससे पहले गाजा पीसा प्लान के तहत हमास ने चार मृत बंधकों के शव इजरायल को लौटाए थे। लेकिन इस बार भी धोखे का खुलासा हुआ। लौटाए गए शवों में से एक शव वास्तव में इजरायली बंधक का नहीं था। इजरायली बंधक बताकर जो शव भेजा गया, वह गाजा के किसी नागरिक का था।

सीजफायर की चुनौतियां

गाजा और इजरायल के बीच लागू सीजफायर को बनाए रखना अभी भी चुनौतीपूर्ण है। हमास की बंधकों के शव लौटाने में देरी और गलत जानकारी देना इस संघर्ष विराम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है। इजरायल ने इसे हमास की असंगति और भरोसे की कमी का संकेत बताया है।

सीजफायर के दौरान भी दोनों पक्षों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। हमास की इन हरकतों से यह साफ है कि युद्धविराम पर कायम रखना केवल कागज पर ही नहीं बल्कि व्यवहार में भी चुनौतीपूर्ण है।

Leave a comment