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गाजा युद्ध पर ट्रंप का बयान: हमास की बर्बरता से शुरू हुआ संघर्ष, इजरायल की प्रतिक्रिया उचित

गाजा युद्ध पर ट्रंप का बयान: हमास की बर्बरता से शुरू हुआ संघर्ष, इजरायल की प्रतिक्रिया उचित

गाजा में बढ़ती भुखमरी और मौतों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई को जायज़ बताया। उन्होंने नरसंहार की बात नकारते हुए हमास को युद्ध का जिम्मेदार ठहराया। अमेरिका राहत प्रयासों में सहयोग कर रहा है।

Gaza War: गाजा में भुखमरी, कुपोषण और सैकड़ों मौतों पर जहां अंतरराष्ट्रीय आलोचना तेज है, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई को नरसंहार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने हमास को युद्ध की मुख्य वजह बताया है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका गाजा में फंसे फिलीस्तीनियों तक भोजन और राहत सामग्री पहुंचाने का समर्थन करता है, लेकिन युद्ध के हालात में इजरायल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

गाजा में मानवीय संकट, अंतरराष्ट्रीय नाराजगी

गाजा पट्टी में इजरायली सेना की कार्रवाई और मानवीय सहायता पर लगाई गई रोक के कारण हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। भुखमरी, कुपोषण और इलाज के अभाव में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लगातार यह चेतावनी दे रही हैं कि गाजा में हालात तेजी से मानवीय संकट की ओर बढ़ रहे हैं।

ह्यूमैनिटेरियन ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, गाजा में पहुंची सहायता अब भी जरूरत से काफी कम है। सीमाएं या तो बंद हैं या वहां पहुंचने वाली राहत सामग्री को इजरायली सेना की मंजूरी मिलने में देरी हो रही है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल का पक्ष लिया

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए गाजा के हालात पर अपनी राय रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई को "नरसंहार" मानते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट कहा – “मुझे नहीं लगता कि ऐसा है। वे युद्ध में हैं।”

ट्रंप ने कहा कि गाजा युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई, जब हमास ने इजरायल पर भयानक हमला किया था। “जो कुछ 7 अक्टूबर को हुआ, वह बेहद गंभीर था। इसके जवाब में ही यह युद्ध शुरू हुआ।”

“हम नहीं चाहते कि लोग भूख से मरें”: ट्रंप

गाजा के हालात पर विस्तार से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि वहां के लोगों को भोजन और राहत सामग्री मिले। उन्होंने कहा –

“हम चाहते हैं कि लोगों को खाना मिले। हम नहीं चाहते कि लोग भूखे रहें या भूख से मरें।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका फिलीस्तीनियों की मदद के लिए काम कर रहा है और चाहता है कि इजरायल भी राहत सामग्री पहुंचाने में सहयोग करे।

इजरायल ने की राहत पहुंचाने की घोषणा

इजरायल ने पिछले रविवार को यह घोषणा की थी कि वह कुछ क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां रोककर गाजा में राहत पहुंचाने की अनुमति देगा। हालांकि, मदद पहुंचाने वाली संस्थाएं इस पर संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि ज़मीनी हालात में सहायता सीमित मात्रा में ही गाजा पहुंच पा रही है।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) ने इजरायली प्रशासन से अनुरोध किया है कि वह राहत सामग्री से भरे ट्रकों को जल्दी मंजूरी दे ताकि वे सुरक्षित रूप से वितरण केंद्रों तक पहुंच सकें। इसके साथ ही WFP ने यह भी मांग की है कि फूड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स के पास सशस्त्र इजरायली सैनिकों की तैनाती न हो ताकि गोलीबारी की घटनाएं न हों और राहत कार्य बाधित न हो।

गाजा में भुखमरी और कुपोषण से बच्चों और महिलाओं की मौत

मानवीय संगठनों के अनुसार, गाजा में बच्चों और महिलाओं की हालत सबसे खराब है। कुपोषण और साफ पानी की कमी के कारण अस्पतालों में लगातार मौतें दर्ज की जा रही हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें इलाज या पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा।

मार्च 2024 के बाद से हालात और बिगड़े, जब इजरायल ने मानवाधिकार संगठनों के काफिलों को रोकना शुरू कर दिया। मई में कुछ राहत दी गई, लेकिन मदद की मात्रा लगातार बेहद सीमित रही।

गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन की सीमित पहुंच

अमेरिका और इजरायल द्वारा समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन वर्तमान में सहायता वितरण का मुख्य माध्यम बना हुआ है। लेकिन इसकी पहुंच भी सीमित है। अधिकांश सहायता इसी संगठन के माध्यम से वितरित की जा रही है, जबकि UN और अन्य संस्थाओं को सीमित सहयोग ही मिल रहा है।

 

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