आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर देशभर में उन्हें याद किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय नेता और गणमान्य हस्तियां पहुंचीं और बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नई दिल्ली: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पूरे देश और दुनिया में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन समेत अनेक वरिष्ठ नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने बापू को नमन किया। प्रधानमंत्री मोदी सुबह राजघाट पहुंचे और गांधीजी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बापू के सत्य और अहिंसा के आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के समय थे। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि गांधीजी के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने भी राजघाट पहुंचकर गांधीजी को अपनी श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि गांधीजी की शिक्षाएँ हमें समानता, न्याय और मानवता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
राज्यों में भी श्रद्धांजलि का दौर
गांधी जयंती के अवसर पर विभिन्न राज्यों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरा विश्व इस बात पर चिंतन करता है कि क्या केवल सत्य और अहिंसा के सहारे स्वतंत्रता संभव थी। उन्होंने कहा, “भारत ने इसे सिद्ध कर दिखाया और स्वदेशी आंदोलन ने भी आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। गांधीजी ने हमें यह विश्वास दिलाया कि सत्य, अहिंसा और स्वदेशी के सहारे सदियों की गुलामी से मुक्ति पाई जा सकती है।”
इसी तरह, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर स्थित शासन सचिवालय परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गांधीजी केवल भारत के नहीं, बल्कि पूरी मानवता के प्रेरणा स्रोत हैं।
देशभर में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ, संगोष्ठियाँ और प्रदर्शनी आयोजित की गईं। कई जगहों पर स्वच्छता अभियान और सामाजिक जागरूकता रैलियाँ निकाली गईं। नागरिकों ने गांधीजी के स्वच्छता और आत्मनिर्भरता के संदेश को पुनः दोहराया।