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Google layoffs 2025: Google ने बिना नोटिस के निकाले 100 कर्मचारी, AI फोकस में बदलाव जारी

Google layoffs 2025: Google ने बिना नोटिस के निकाले 100 कर्मचारी, AI फोकस में बदलाव जारी

गूगल ने अपने क्लाउड डिवीजन से लगभग 100 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह कदम लागत कम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति के तहत उठाया गया है। प्रभावित कर्मचारियों में डिज़ाइन और UX रिसर्च विभाग शामिल हैं। कई कर्मचारियों को बिना नोटिस के निकाला गया, जबकि कुछ को अन्य विभागों में ट्रांसफर का विकल्प दिया गया।

Google layoffs: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बाद, गूगल ने भी अपने क्लाउड डिवीजन से लगभग 100 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह कदम मुख्य रूप से लागत घटाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया। प्रभावित कर्मचारी डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस रिसर्च (UX Research) विभाग से हैं। कुछ को अन्य टीमों में ट्रांसफर का विकल्प मिला, जबकि कई को बिना नोटिस नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया।

कौन-कौन प्रभावित हुए

कंपनी ने मुख्य रूप से डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस रिसर्च से जुड़े विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इन कर्मचारियों की जिम्मेदारी प्रोडक्ट रिसर्च करना, यूज़र डेटा का विश्लेषण करना और नई सुविधाओं के विकास में मदद करना थी। कई कर्मचारियों को सीधे नौकरी से हटाने का नोटिस दिया गया, जबकि कुछ को अन्य टीमों में ट्रांसफर होने का विकल्प भी मिला।

मुनाफा होने के बावजूद क्यों छंटनी

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गूगल क्लाउड का मुनाफा लगातार बढ़ रहा है। साल 2025 की दूसरी तिमाही में क्लाउड डिवीजन की कमाई 13.6 अरब डॉलर रही, जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। इसी डिवीजन का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी 2.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

फिर भी कंपनी ने खर्च घटाने और संसाधनों का पुनर्वितरण करने का निर्णय लिया है। गूगल अब उन विभागों और भूमिकाओं में कटौती कर रहा है, जो उसकी नई AI-केंद्रित रणनीति का हिस्सा नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनी अब पुराने तरीकों की बजाय AI और नई तकनीकों पर आधारित जिम्मेदारियों को महत्व दे रही है।

AI पर गूगल का जोर

साल 2025 की शुरुआत से गूगल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनी प्राथमिकता बना लिया है। अमेरिका में कई यूनिट्स में कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट पैकेज देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके अलावा, मैनेजमेंट से जुड़े करीब एक तिहाई कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जा रही है। कुछ कर्मचारियों को अन्य टीमों में जाने का विकल्प दिया गया, जबकि कई को बिना पूर्व सूचना सीधे नौकरी छोड़ने का नोटिस दिया गया।

बिना नोटिस निकाले गए कर्मचारी

कई प्रभावित कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें नौकरी जाने से पहले कोई सूचना नहीं मिली। एक कर्मचारी ने बताया कि वह O-1 वीजा पर अमेरिका में काम कर रहा था। इस वीजा के तहत उसे केवल 60 दिनों के अंदर नई नौकरी ढूंढनी होगी, वरना उसे अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।

कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को दिसंबर की शुरुआत तक अन्य विभागों में आवेदन करने का मौका दिया। इसके बावजूद प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया और टेक इंडस्ट्री में इसे लेकर नाराज़गी और चिंता दोनों देखी जा रही है।

पहले भी हो चुकी है छंटनी

यह पहली बार नहीं है जब गूगल ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है। मई 2025 में भी करीब 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था। अब तक सामने आए मामलों से यह स्पष्ट है कि गूगल ने कम से कम दो अलग-अलग चरणों में कर्मचारियों को हटाया है। दोनों ही बार कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया।

गूगल की यह छंटनी उसके व्यवसायिक रणनीति में बदलाव का संकेत है। कंपनी अब AI और नई तकनीकों को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है। पुराने कामकाज और पारंपरिक जिम्मेदारियों को धीरे-धीरे कम किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम गूगल की दीर्घकालीन योजना का हिस्सा है।

कंपनी के इस निर्णय ने कर्मचारियों और उद्योग जगत में चर्चा छेड़ दी है। कई लोग इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय सीमा को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

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