Pune

हैकरों की नई चाल: फर्जी परिवहन ऐप से ठगी, जानें साइबर फ्रॉड से कैसे बचें

हैकरों की नई चाल: फर्जी परिवहन ऐप से ठगी, जानें साइबर फ्रॉड से कैसे बचें

देशभर में 'फर्जी परिवहन ऐप स्कैम' तेजी से फैल रहा है, जिसमें साइबर अपराधी व्हाट्सएप पर नकली ऐप भेजकर लोगों की बैंक जानकारी चुरा रहे हैं। कोच्चि पुलिस ने वाराणसी से गिरोह को पकड़ा है। 

App Scam: भारत में साइबर अपराधी हर दिन नए-नए तरीके खोजते रहते हैं ताकि मासूम नागरिकों को धोखा देकर उनकी मेहनत की कमाई लूटी जा सके। अब एक नया घोटाला सामने आया है जिसमें अपराधी 'परिवहन ऐप' के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ये स्कैम इतना खतरनाक है कि सरकार को खुद चेतावनी जारी करनी पड़ी है। यदि आपने ज़रा भी लापरवाही की, तो बैंक खाता मिनटों में खाली हो सकता है।

कैसे फैल रहा है यह फर्जी परिवहन ऐप स्कैम?

इस स्कैम का तरीका बेहद चालाकी से तैयार किया गया है। अपराधी खुद को परिवहन विभाग का अधिकारी बताकर व्हाट्सएप पर लोगों को मैसेज भेजते हैं। इसमें दावा किया जाता है कि आपके वाहन पर भारी चालान बकाया है और उसे चुकाने के लिए एक लिंक भेजा जाता है। इस लिंक से यूज़र को APK फाइल डाउनलोड करनी होती है, जो असल में एक वायरस से संक्रमित नकली ऐप होता है। जैसे ही यूज़र यह ऐप इंस्टॉल करता है, यह फोन में मौजूद बैंक डिटेल्स, OTP, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी चोरी कर लेता है। इसके बाद यूज़र के खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं, और उसे पता भी नहीं चलता।

कोच्चि पुलिस की बड़ी कार्रवाई – वाराणसी से पकड़े गए आरोपी

केरल की कोच्चि साइबर क्राइम पुलिस ने इस स्कैम के पीछे छिपे एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सक्रिय था। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक 16 वर्षीय किशोर भी शामिल है जिसने यह फर्जी APK ऐप तैयार किया था। आश्चर्यजनक बात यह है कि आरोपियों ने टेलीग्राम बॉट्स के जरिए पूरे देश की गाड़ियों की जानकारी इकट्ठा की थी। इस जानकारी के आधार पर वे वाहन मालिकों को टारगेट कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों के पास से 2,700 से अधिक गाड़ियों का डेटा मिला है जिनमें केरल, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के वाहन शामिल हैं।

एक शिकायत से खुला राज़ – 85,000 रुपये की ठगी

यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब एर्नाकुलम निवासी एक पीड़ित व्यक्ति ने राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज की। उसने बताया कि व्हाट्सएप लिंक पर क्लिक कर ऐप डाउनलोड करने के बाद उसके खाते से ₹85,000 गायब हो गए। जांच में यह सामने आया कि यह घोटाला पूरे देश में फैल रहा है।

कैसे बचें इस खतरनाक ऐप स्कैम से?

1. अज्ञात लिंक से ऐप डाउनलोड न करें

अगर किसी अजनबी का मैसेज आए जिसमें ऐप डाउनलोड करने को कहा जाए, तो उसे नजरअंदाज करें।

2. केवल आधिकारिक ऐप स्टोर का उपयोग करें

Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप डाउनलोड करें। किसी भी थर्ड पार्टी लिंक या फाइल से बचें।

3. फोन को समय-समय पर रीस्टार्ट करें

रीस्टार्ट करने से कई बार बैकग्राउंड में चल रहे हानिकारक ऐप्स बंद हो जाते हैं।

4. बैंक ट्रांजेक्शन पर नज़र रखें

अगर कोई संदिग्ध लेन-देन दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें और 1930 साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करें।

5. WhatsApp या SMS पर किसी भी फाइनेंशियल लिंक पर क्लिक न करें

बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी केवल अधिकृत स्रोत से ही प्राप्त करें।

सरकार और साइबर एक्सपर्ट्स की अपील

भारत सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस स्कैम को लेकर चेतावनी दे रही हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी ऐप्स केवल डेटा चुराने के लिए बनाए जाते हैं। यूज़र्स को अपनी डिजिटल आदतों में सावधानी बरतनी चाहिए और दो-स्तरीय ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करना चाहिए।

Leave a comment