मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में कमजोर धारणा देखने को मिली, जिससे निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ा। बाजार की शुरुआत से ही बिकवाली का दबाव रहा और दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए।
Share Market Update: मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा माहौल रहा। वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने निवेशकों को सतर्क बना दिया। इस बीच सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि कुछ चुनिंदा शेयर ऐसे रहे जिन्होंने बाजार की कमजोरी के बावजूद मजबूती दिखाई और निवेशकों को लाभ कमाने का मौका दिया। Hitachi Energy और MMTC समेत कई शेयरों ने 52 सप्ताह का उच्च स्तर छुआ, जिससे इन स्टॉक्स में आने वाले दिनों में तेजी के संकेत मिले हैं।
बाजार में रही सावधानी की स्थिति
मंगलवार को शेयर बाजार पर ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का असर साफ दिखाई दिया। निवेशकों ने जोखिम लेने से बचते हुए सतर्कता बरती। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता भी बाजार पर हावी रही। इसका असर सेंसेक्स और निफ्टी पर देखने को मिला।
सेंसेक्स 212.85 अंक गिरकर 81,583.30 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 93.10 अंक टूटकर 24,853.40 पर आ गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 369 अंक तक टूट गया था। यह गिरावट बाजार में बढ़ती चिंता को दर्शाती है।
कमजोर स्टॉक्स पर मुनाफावसूली
बाजार की गिरावट के दौरान कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। सन फार्मा को सबसे अधिक नुकसान हुआ और इसका शेयर 2.18 प्रतिशत तक गिर गया। इसके अलावा टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व जैसे शेयर भी दबाव में नजर आए।
ये गिरावट मुख्यतः मुनाफावसूली और वैश्विक कारणों से हुई। तेल और गैस कंपनियों के शेयर भी दबाव में रहे क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं जिससे लागत बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
इन स्टॉक्स में दिखा दम
मंगलवार को गिरते बाजार में भी कुछ स्टॉक्स ने मजबूत प्रदर्शन किया। Happiest Minds Technologies, Inventurus Knowledge Solutions, Hitachi Energy, MMTC, Crisil, Nuvama Wealth Management और Mazagon Dock Shipbuilders जैसे शेयरों ने नया 52 सप्ताह का उच्च स्तर छू लिया। इसका मतलब है कि इन कंपनियों में मजबूत निवेश धारणा बनी हुई है और इनमें आगे और तेजी देखने को मिल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब कोई शेयर अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर को पार करता है, तो यह एक तकनीकी संकेत होता है कि उस स्टॉक में खरीदारी की रुचि लगातार बनी हुई है। इसके अलावा, यह उस कंपनी के प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं को भी दर्शाता है।
MMTC: सरकारी कंपनी में दिखा निवेशकों का भरोसा
MMTC यानी मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन एक सरकारी उपक्रम है, जो भारत की सबसे बड़ी ट्रेडिंग कंपनियों में से एक है। बीते कुछ महीनों में इस स्टॉक में तेजी देखने को मिल रही है। मंगलवार को इसने 52 सप्ताह का उच्च स्तर छू लिया, जिससे इसमें निवेशकों की रुचि बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं के व्यापार में सक्रिय भूमिका निभाने वाली यह कंपनी बढ़ते मेटल डिमांड के दौर में अच्छा रिटर्न दे सकती है।
Hitachi Energy: स्थायी ऊर्जा की ओर बढ़ता कदम
Hitachi Energy ने भी बाजार में तेजी का संकेत दिया है। यह कंपनी पावर ट्रांसमिशन और ऊर्जा समाधान के क्षेत्र में कार्यरत है। देश और दुनिया में हरित ऊर्जा की ओर बढ़ते झुकाव के कारण इस कंपनी के बिजनेस को नया आयाम मिला है।
इस स्टॉक ने भी 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छूकर निवेशकों का ध्यान खींचा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पावर सेक्टर में मजबूत संभावनाओं के चलते यह स्टॉक दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त हो सकता है।
तेजी के संकेत: निवेशकों के लिए संकेतक
जब कोई शेयर अपने उच्चतम स्तर को पार करता है, तो उसे तकनीकी रूप से 'ब्रेकआउट' माना जाता है। यह संकेत देता है कि उस स्टॉक में और तेजी की संभावना है। बाजार विशेषज्ञ MACD, RSI जैसे तकनीकी संकेतकों का उपयोग कर यह तय करते हैं कि किस स्टॉक में निवेश करना फायदेमंद रहेगा।
MACD ने दिए मंदी के संकेत
जहां एक ओर कुछ शेयरों में तेजी का संकेत मिला, वहीं कुछ स्टॉक्स में MACD ने मंदी की चेतावनी दी है। SCI, Jubilant Ingrevia, Hindustan Zinc, Reliance Power, Tata Teleservices, Wockhardt और Sona BLW Precision Forgings जैसे शेयरों में गिरावट के संकेत मिले हैं।
MACD यानी मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस एक लोकप्रिय तकनीकी विश्लेषण टूल है जो यह दिखाता है कि स्टॉक में खरीदारी का ट्रेंड खत्म हो गया है या उसमें गिरावट शुरू हो सकती है। ऐसे स्टॉक्स से फिलहाल दूरी बनाना बेहतर रहेगा।
निवेश से पहले रखें ये बातें ध्यान
बाजार में निवेश करने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना जरूरी है
- तकनीकी विश्लेषण: MACD, RSI जैसे संकेतकों को समझें और उसी आधार पर निर्णय लें।
- मौलिक विश्लेषण: कंपनी की बैलेंस शीट, कर्ज की स्थिति, मुनाफा और बिजनेस मॉडल को समझना जरूरी है।
- समाचारों पर नजर: वैश्विक घटनाएं जैसे युद्ध, ब्याज दरें, कच्चे तेल की कीमतें आदि भी शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं।
- लॉन्ग टर्म सोच: बाजार की अस्थिरता से घबराएं नहीं और दीर्घकालिक नजरिए से मजबूत कंपनियों में निवेश करें।