Columbus

GST रेट कट के बाद पेट्रोल और शराब पर क्या असर पड़ा, जानिए पूरी रिपोर्ट

GST रेट कट के बाद पेट्रोल और शराब पर क्या असर पड़ा, जानिए पूरी रिपोर्ट

22 सितंबर से लागू हुए GST रिफॉर्म में 375 प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम किया गया, लेकिन पेट्रोल, डीजल और शराब पर इसका कोई असर नहीं होगा। ये अभी भी GST के दायरे से बाहर हैं और राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स और वैट के आधार पर ही इनकी कीमतें तय होती हैं।

GST Rate Cut: 22 सितंबर 2025 से देश में बड़े GST रिफॉर्म लागू हुए, जिनमें 375 प्रोडक्ट्स पर टैक्स दरों में कटौती की गई। हालांकि, पेट्रोल और डीजल को अभी भी GST दायरे में नहीं लाया गया है और इन पर केंद्र का उत्पाद शुल्क व राज्यों का वैट लागू रहेगा। इसी तरह शराब पर भी टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों के पास है, इसलिए इसकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा।

375 प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम

सरकार का कहना है कि इस कदम से आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। पहले जहां 12 फीसदी स्लैब मौजूद था, अब उसमें आने वाली ज्यादातर वस्तुएं 5 फीसदी टैक्स के दायरे में आ गई हैं। वहीं 28 फीसदी वाले स्लैब से करीब 90 फीसदी वस्तुओं को हटाकर 18 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल कर दिया गया है। इसके साथ ही तंबाकू, सिगरेट, लग्जरी कार और अन्य कुछ महंगे सामानों को 40 फीसदी वाले स्पेशल स्लैब में रखा गया है।

पेट्रोल और डीजल जीएसटी में क्यों नहीं?

कई लोग सोच रहे होंगे कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद पेट्रोल और डीजल सस्ते होंगे या नहीं। दरअसल, पेट्रोल और डीजल अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। इनकी कीमत पर केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों का वैट लागू होता है। यही वजह है कि हर राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं।

बिना टैक्स के पेट्रोल और डीजल की कीमत वास्तविक रूप से कम होती है, लेकिन टैक्स और अन्य शुल्क जोड़ने के बाद यह रिटेल प्राइस काफी बढ़ जाता है। पेट्रोल पंप पर मिलने वाले दाम में डीलर का कमीशन और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट भी शामिल होता है।

केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद

केंद्र सरकार लंबे समय से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार कर रही है। लेकिन राज्यों ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अगर यह ईंधन जीएसटी के दायरे में आ गया तो उनकी टैक्स वसूली पर असर पड़ेगा। फिलहाल केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इस बात पर सहमत हैं कि पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।

यह टैक्स राज्यों और केंद्र के लिए बड़े राजस्व का स्रोत है, जिससे सामाजिक योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों को फंड किया जाता है। यही वजह है कि फिलहाल ईंधन की कीमतों पर जीएसटी रिफॉर्म का कोई असर नहीं होगा।

शराब की कीमतों पर असर नहीं

शराब पर टैक्स लगाने का अधिकार पूरी तरह राज्यों के पास है। इस पर राज्य सरकारें वैट और एक्साइज ड्यूटी लगाती हैं। इसलिए शराब भी जीएसटी रिफॉर्म से प्रभावित नहीं होती। शराब से राज्यों को भारी राजस्व मिलता है और इसी वजह से इसे जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है।

अगर किसी राज्य सरकार को लगे तो वह अपने स्तर पर वैट कम कर सकती है। ऐसे में शराब की कीमतें घट सकती हैं। लेकिन अभी के लिए राज्यों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।

अलग-अलग राज्यों में अलग दाम

भारत में शराब की कीमत राज्य दर राज्य बदलती रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर राज्य अलग टैक्स स्ट्रक्चर लागू करता है। मई 2025 में इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार गोवा शराब पर सबसे कम 55 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाता है। वहीं कर्नाटक में यह दर सबसे अधिक 80 फीसदी है।

यानी एक ही ब्रांड की शराब अलग-अलग राज्यों में अलग दाम पर मिलती है। इसी तरह पेट्रोल और डीजल की कीमत भी हर राज्य में अलग है। यह अंतर मुख्य रूप से टैक्स और शुल्क की वजह से आता है।

जीएसटी रिफॉर्म से क्या बदलेगा

जीएसटी रिफॉर्म का फायदा आमतौर पर उन उत्पादों पर मिलेगा, जिन पर पहले ज्यादा टैक्स लगता था और अब उन्हें कम स्लैब में शिफ्ट किया गया है। इससे घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, पैक्ड फूड और दैनिक उपयोग की चीजें सस्ती होंगी। लेकिन पेट्रोल, डीजल और शराब जैसे उत्पाद फिलहाल इस रिफॉर्म के दायरे में नहीं आए हैं।

इसका सीधा मतलब है कि आम उपभोक्ता रोजमर्रा की खरीदारी में तो कुछ राहत महसूस करेंगे, लेकिन पेट्रोल पंप और शराब की दुकानों पर उन्हें कोई बड़ा फर्क देखने को नहीं मिलेगा। 

Leave a comment