मोहम्मद सिराज ने बर्मिंघम टेस्ट में 6 विकेट लेकर शानदार गेंदबाजी की और भारत को पहली पारी में 180 रनों की अहम बढ़त दिलाई।
IND vs ENG: बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में तीसरे दिन भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने न सिर्फ इंग्लिश टीम की कमर तोड़ दी, बल्कि भारत को एक बार फिर मुकाबले में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में टीम के प्रमुख गेंदबाज की भूमिका निभा रहे सिराज ने अपने प्रदर्शन से यह जता दिया कि अब वह सिर्फ विकल्प नहीं, एक फ्रंटलाइन अटैक लीडर हैं।
शुभमन गिल का बल्ला, फिर सिराज की बॉल से कहर
भारत ने पहली पारी में शुभमन गिल के ऐतिहासिक 269 रनों की बदौलत विशाल स्कोर खड़ा किया। उन्होंने इंग्लिश गेंदबाजों की एक न चलने दी और मैदान के हर कोने में शॉट्स लगाए। भारत की पारी 587 रन पर जाकर रुकी। पहले दो दिन बल्लेबाजों का बोलबाला रहा, लेकिन तीसरे दिन गेंदबाजों को अपनी छाप छोड़ने का मौका मिला।
इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही और शुरुआती 5 विकेट महज 84 रन पर गिर गए। तभी जेमी स्मिथ और हैरी ब्रूक ने मोर्चा संभाला और 303 रनों की यादगार साझेदारी कर डाली। इस साझेदारी ने एक समय भारतीय टीम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन वहीं से सिराज ने बिखेरना शुरू किया अपना जादू।
सिराज की शानदार गेंदबाजी ने बदली तस्वीर
इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही थी, जब मात्र 84 रनों पर उनकी आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। इसके बाद स्मिथ और ब्रूक ने पारी को संभाला, मगर जैसे ही साझेदारी टूटी, सिराज ने कहर बरपा दिया।
उन्होंने 19.3 ओवर की मेहनती गेंदबाज़ी करते हुए 70 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। खास बात यह रही कि उन्होंने इंग्लैंड के लोअर ऑर्डर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और उनकी पारी को 407 रनों पर समेट दिया। इस तरह भारत को पहली पारी में 180 रनों की मजबूत बढ़त मिली।
सिराज बोले – 'लंबे समय से इस मौके का इंतजार था
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिराज ने अपने प्रदर्शन को लेकर साफ तौर पर कहा कि वह जिम्मेदारी उठाने से डरते नहीं हैं: 'मुझे चुनौती लेना पसंद है। जब दबाव होता है, तभी असली टेस्ट होता है। मैंने प्लान पर टिके रहने का फैसला किया और नतीजा आपके सामने है।'
उनकी यह सोच साफ करती है कि सिराज अब सिर्फ तेज गेंदबाज नहीं, बल्कि एक सोचने और हालात के मुताबिक खुद को ढालने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं।
बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी
जब कप्तान रोहित शर्मा के पास गेंद थमाने के लिए बुमराह जैसा प्रमुख गेंदबाज नहीं था, तब सिराज ने जिम्मेदारी उठाई। मैच के बाद सिराज ने कहा: 'मैं लंबे समय से इस तरह के प्रदर्शन की तैयारी कर रहा था। जब टीम को मेरी ज़रूरत थी, तब मैंने खुद को तैयार पाया। बुमराह भाई की गैरमौजूदगी में यह मेरा अवसर था टीम को संभालने का।'
उन्होंने यह भी कहा कि पिच धीमी थी, इसलिए धैर्य से एक जैसी लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करना जरूरी था।
भारत को मिली 180 रनों की बढ़त
इंग्लैंड की पहली पारी 407 रनों पर समाप्त हुई, जिससे भारत को पहली पारी में 180 रनों की बड़ी बढ़त मिली। इसके बाद तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत बिना किसी नुकसान के 64 रन बना चुका था। अब भारतीय टीम की रणनीति दूसरी पारी में कम से कम 350 रनों की बढ़त हासिल कर इंग्लैंड को एक बड़ा लक्ष्य देना है।
अगर भारत 500 या उससे ज्यादा का टारगेट इंग्लैंड को देता है, तो सिराज और भारतीय गेंदबाज़ों के पास मौका होगा इस मैच को जीत में बदलने का।