महिला वर्ल्ड कप 2025 के 10वें मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम ने भारत को एक रोमांचक भिड़ंत में 3 विकेट से मात दी। नदिनी डी क्लार्क ने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया के जबड़े से जीत छीन ली।
स्पोर्ट्स न्यूज़: साउथ अफ्रीका ने भारत को एक रोमांचक मुकाबले में 3 विकेट से हराकर शानदार जीत दर्ज की। यह मैच आखिरी ओवर तक खिंच गया, जहां नदिनी डी क्लर्क की तूफानी बल्लेबाजी ने मैच का रुख पलट दिया। भारत से मिले 252 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने 48.5 ओवर में सात विकेट खोकर जीत हासिल की।
कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने 70 रन की बेहतरीन पारी खेली, जबकि क्लोई ने 49 रन का अहम योगदान दिया। अंत में नदिनी डी क्लर्क ने नाबाद 84 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर टीम इंडिया के हाथ से जीत छीन ली।
भारत की पारी - ऋचा घोष की दमदार बल्लेबाजी
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 49.5 ओवर में 251 रन बनाए। शुरुआती साझेदारी ने टीम को ठोस शुरुआत दी। स्मृति मंधाना और प्रतीका रावल ने मिलकर 50 से अधिक रनों की साझेदारी की। लेकिन 83 के स्कोर पर मंधाना के आउट होते ही भारतीय पारी लड़खड़ा गई। सिर्फ 19 रनों के भीतर चार विकेट गिर गए और स्कोरबोर्ड अचानक से 94/4 हो गया। जल्द ही भारत ने 102 तक पहुंचते-पहुंचते अपने छह बल्लेबाज गंवा दिए।
इसी मुश्किल घड़ी में ऋचा घोष ने मोर्चा संभाला। उन्होंने शानदार संयम और आक्रामकता दिखाते हुए 94 रनों की पारी खेली। ऋचा ने 88 गेंदों पर 11 चौके और 4 छक्के लगाए। उन्होंने स्नेह राणा के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 88 रनों की अहम साझेदारी कर टीम को वापसी दिलाई। हालांकि वह अपने पहले विश्व कप शतक से सिर्फ छह रन दूर रह गईं, लेकिन उनकी पारी ने भारत को एक प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचा दिया।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से क्लोई ट्रायन सबसे सफल गेंदबाज रहीं। उन्होंने 10 ओवर में 47 रन देकर 3 विकेट झटके। नदिनी डी क्लार्क ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की और 2 विकेट हासिल किए।
दक्षिण अफ्रीका की पारी - नदिनी डी क्लार्क बनीं हीरो
252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने शानदार शुरुआत की। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने पारी को लीड करते हुए 70 रनों की शानदार पारी खेली। उनके साथ क्लोई ट्रायन ने भी 49 रन जोड़े। दोनों ने टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने वापसी करते हुए वोल्वार्ड्ट और ट्रायन दोनों को आउट कर दिया। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि भारत मैच अपने नाम कर लेगा। 40वें ओवर तक दक्षिण अफ्रीका को रन बनाना मुश्किल हो रहा था और टीम पर दबाव बढ़ता जा रहा था।
जब मैच में सिर्फ 4 ओवर बचे थे, दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 24 गेंदों पर 41 रन चाहिए थे। उस वक्त क्रीज़ पर नदिनी डी क्लार्क मौजूद थीं, जिन्होंने मैच का पूरा रुख पलट दिया। उन्होंने 47वें ओवर में भारतीय गेंदबाज क्रांति गौड़ पर दो छक्के और एक चौका जड़कर 18 रन बटोरे। यहीं से खेल पूरी तरह दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में चला गया।
नदिनी ने सिर्फ 54 गेंदों में नाबाद 84 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 5 छक्के शामिल थे। उन्होंने अंत तक क्रीज़ नहीं छोड़ी और टीम को 48.5 ओवर में 3 विकेट शेष रहते जीत दिलाई। बल्लेबाजी के अलावा उन्होंने गेंदबाजी में भी 2 विकेट चटकाए और प्लेयर ऑफ द मैच चुनी गईं।