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IndusInd Bank Q2 Results: NII में 18% गिरावट, बैंक को भारी नुकसान

IndusInd Bank Q2 Results: NII में 18% गिरावट, बैंक को भारी नुकसान

IndusInd Bank को सितंबर तिमाही में ₹437 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि एक साल पहले ₹1,331 करोड़ का मुनाफा था। नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 18% घटकर ₹4,409 करोड़ रही। प्रोविजन खर्च 45% बढ़कर ₹2,631 करोड़ हो गया। हालांकि बैंक की एसेट क्वालिटी और कैपिटल बफर स्थिर रहे।

IndusInd Bank Q2 Results: इंडसइंड बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही में ₹437 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में ₹1,331 करोड़ का मुनाफा हुआ था। इस नुकसान का मुख्य कारण नेट इंटरेस्ट इनकम में 18% की गिरावट और प्रोविजन खर्च में 45% की बढ़ोतरी है। बैंक की एसेट क्वालिटी स्थिर रही, ग्रॉस NPA 3.60% और नेट NPA 1.04% रही। कुल डिपॉजिट्स घटकर ₹3.90 लाख करोड़ और एडवांसेज ₹3.26 लाख करोड़ रह गए।

नेट इंटरेस्ट इनकम और NIM में गिरावट

IndusInd Bank की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 18% घटकर ₹4,409 करोड़ रह गई। पिछले साल की इसी तिमाही में यह ₹5,347 करोड़ थी। इसके साथ ही बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) भी घटकर 3.32% रह गया, जबकि पिछले साल यह 4.08% था। NII में इस गिरावट का मुख्य कारण ब्याज आय में कमी और कुछ सेक्टर्स में बढ़ते जोखिम बताए जा रहे हैं।

प्रोविजंस और कंटिंजेंसी खर्च में तेजी

बैंक के प्रोविजन और कंटिंजेंसी खर्च सितंबर तिमाही में 45% बढ़कर ₹2,631 करोड़ हो गए। एक साल पहले इसी तिमाही में यह खर्च ₹1,820 करोड़ था। बैंक ने माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में बढ़ते दबाव को देखते हुए अतिरिक्त प्रोविजंस और राइट-ऑफ्स किए हैं। इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राजीव आनंद ने कहा, “माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में सावधानीपूर्वक कदम उठाते हुए हमने अतिरिक्त प्रोविजंस और कुछ राइट-ऑफ किए हैं। इससे तिमाही में घाटा हुआ है, लेकिन इससे हमारी बैलेंस शीट मजबूत होगी और प्रॉफिटबिलिटी सामान्य होने की प्रक्रिया तेज होगी।”

एसेट क्वालिटी में स्थिरता

हालांकि बैंक के एसेट क्वालिटी में सितंबर तिमाही में स्थिरता बनी रही। ग्रॉस NPA 3.60% रहा, जो जून तिमाही में 3.64% था। वहीं नेट NPA 1.04% रहा, जो जून तिमाही में 1.12% था। प्रोविजन कवरेज रेशियो बढ़कर 71.81% हो गया, जो पिछली तिमाही में 70.13% था। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बैंक ने जोखिम प्रबंधन और संभावित नुकसान को कवर करने के लिए पर्याप्त प्रोविजंस किया है।

डिपॉजिट्स और एडवांसेज में गिरावट

सेप्टेंबर तिमाही में IndusInd Bank का कुल डिपॉजिट्स घटकर ₹3.90 लाख करोड़ रह गया। एक साल पहले यह ₹4.12 लाख करोड़ था। वहीं एडवांसेज भी घटकर ₹3.26 लाख करोड़ रहे, जो पिछले साल ₹3.57 लाख करोड़ थे। बैंक के कम लागत वाले करंट और सेविंग्स अकाउंट (CASA) डिपॉजिट्स का हिस्सा 31% रहा। इसमें करंट अकाउंट ₹31,916 करोड़ और सेविंग्स अकाउंट ₹87,854 करोड़ रहे।

बैंक की कुल बैलेंस शीट साइज सितंबर तिमाही में घटकर ₹5.27 लाख करोड़ रह गई, जो पिछले साल ₹5.43 लाख करोड़ थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बैंक ने पूंजी प्रबंधन और रिस्क कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित किया है।

बैंक की भविष्य की रणनीति

IndusInd Bank ने तिमाही परिणामों के दौरान यह स्पष्ट किया कि मौजूदा नुकसान अस्थायी है। बैंक ने माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में जोखिम कम करने और प्रोविजंस बढ़ाने के कदम उठाए हैं। इसके अलावा, बैंक अपनी बैलेंस शीट मजबूत बनाने और लॉन्ग टर्म प्रॉफिटबिलिटी को सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दे रहा है।

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