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International Fairy Day : जादुई परियों की दुनिया में आपका स्वागत है

International Fairy Day : जादुई परियों की दुनिया में आपका स्वागत है

क्या आप कभी फूलों के बगीचों में घूमते हुए एक छोटी सी परी के पंख फड़फड़ाते हुए देखने की कल्पना करते हैं? या फिर किताबों में पढ़ी उन जादुई परियों की कहानियाँ याद हैं, जो अच्छाई का संदेश देती हैं और बच्चों की दुनिया में मुस्कान भर देती हैं? अगर हाँ, तो 24 जून का दिन आपके लिए बेहद खास है – क्योंकि इस दिन मनाया जाता है इंटरनेशनल फेयरी डे (International Fairy Day)।

यह दिन उन रहस्यमयी और मनमोहक परियों को समर्पित है, जो सदियों से लोककथाओं, बच्चों की कहानियों और कल्पनाओं का हिस्सा रही हैं। यह दिन हमें उस जादू, मासूमियत और कल्पनाशक्ति की याद दिलाता है, जो हमारी बचपन की कहानियों में बसती थी।

फेयरी डे क्यों मनाया जाता है?

इंटरनेशनल फेयरी डे की शुरुआत एक फैंटेसी कलाकार जेसिका गैल्ब्रेथ (Jessica Galbreth) ने की थी। वह अपनी कला में जादुई जीवों को चित्रित करती थीं, जिनमें परियाँ मुख्य थीं। यह दिन खासतौर पर मिडसमर (ग्रीष्म संक्रांति) के आसपास आता है, जब परियों और प्रकृति के बीच के रिश्ते को महसूस करना और भी खास हो जाता है।

लेकिन परियों की कहानियाँ तो इंसानी इतिहास से भी पुरानी हैं। चाहे वो आयरलैंड की सेल्की परियाँ हों, स्कैंडिनेविया के ग्नोम्स, या भारतीय लोककथाओं की अप्सराएं, हर संस्कृति में परियों या ऐसे जादुई प्राणियों का जिक्र जरूर मिलता है।

इंटरनेशनल फेयरी डे का इतिहास 

इंटरनेशनल फेयरी डे हर साल 24 जून को मनाया जाता है। इस दिन को जादुई परियों और उनकी कहानियों के जश्न के रूप में मनाया जाता है। परियों को हमेशा से ही जादू, कल्पना और बचपन की कहानियों का हिस्सा माना जाता है। ये नन्ही जादुई प्राणी बच्चों के साथ-साथ बड़ों की कल्पनाओं में भी रहती हैं।

इस दिन लोग परी जैसे कपड़े पहनते हैं, बच्चों के लिए फेयरी पार्टी रखते हैं, कहानियां पढ़ते हैं और प्रकृति के साथ समय बिताते हैं। इंटरनेशनल फेयरी डे हमें कल्पनाओं की दुनिया से जुड़ने और जिंदगी में थोड़ी जादुई खुशियों को शामिल करने का मौका देता है।

परियों की विविध दुनिया

जब हम 'फेयरी' शब्द सुनते हैं, तो अक्सर हमारे मन में एक नन्हीं, पंखों वाली, चमकदार ड्रेस पहने परी की छवि बनती है। लेकिन परियों की दुनिया इससे कहीं अधिक विशाल और विविध है:

  • ग्नोम्स और ड्वार्फ्स: ये जादुई प्राणी पहाड़ों और खदानों में रहते हैं और अक्सर इंसानों की मदद करते हैं।
  • नॉकर्स: खदानों में रहने वाले ये प्राणी दीवारों पर दस्तक देकर खतरों की चेतावनी देते हैं।
  • सेल्की: ये समुद्री परियाँ होती हैं, जो सील का रूप धारण करके इंसानों की दुनिया में आती हैं।
  • नेचर स्पिरिट्स: परियों को प्रकृति की आत्मा माना जाता है – पेड़ों, फूलों, नदियों और हवाओं से जुड़ी आत्माएं।

कैसे मनाएं इंटरनेशनल फेयरी डे?

1. एक परी बग़ीचा बनाएं 

बच्चों के साथ मिलकर घर के आंगन या गमलों में एक छोटा सा जादुई फेयरी गार्डन तैयार करें। छोटी-छोटी लकड़ी की झोपड़ियाँ, फूल, पत्थर, और ग्लिटर से इसे सजाएं। ऐसा लगेगा मानो कोई परी कभी भी वहां आकर बैठ जाएगी।

2. फेयरी फिल्म नाइट

शाम को अपने परिवार या दोस्तों के साथ बैठें और कोई प्यारी सी फेयरी फिल्म देखें। Peter Pan, Tinker Bell, Maleficent या Snow White जैसी फिल्मों में फेयरी किरदारों की भरमार है। साथ में पॉपकॉर्न और हल्की रोशनी – एक परीकथा जैसी शाम!

3. फैंसी ड्रेस फेयरी पार्टी

बच्चों और बड़ों के लिए एक थीम पार्टी रखें – जिसमें सब परियों की पोशाक पहनें, चेहरे पर ग्लिटर हो और बैकग्राउंड में जादुई संगीत बजे। यह पार्टी सभी के बचपन के ख्वाबों को जीने का मौका देगी।

4. अपने पालतू जानवरों को भी दें परी रूप

अगर आपके पास पालतू जानवर हैं तो उन्हें छोटी-छोटी परी पोशाक पहनाएं। जैसे कुत्तों को यूनिकॉर्न का रूप दें या बिल्लियों को छोटी परियाँ बना दें। बच्चों को यह एक्टिविटी बेहद पसंद आएगी।

5. एक परी कथा पढ़ें या लिखें

बच्चों के साथ बैठकर कोई प्रसिद्ध परी कथा पढ़ें – जैसे Little Red Riding Hood, Cinderella या Beauty & the Beast। चाहें तो खुद कोई नई परी कथा लिखें, जिसमें आपकी कल्पना की परी अपने जादू से किसी की मदद करे।

6. परियों के लिए मिठाई और दूध रखें

कहते हैं कि अगर आप परियों का आशीर्वाद चाहते हैं तो उनके लिए एक छोटी प्लेट में कुकीज़ और दूध रात को खिड़की के पास रखें। यह एक प्यारी परंपरा है, जो बच्चों को बहुत रोमांचित करती है।

परियों का सांस्कृतिक महत्व

परियों को केवल कल्पना का हिस्सा मानना ठीक नहीं होगा। वे सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक कहानियों में मौजूद रही हैं। आयरलैंड, स्कॉटलैंड, स्कैंडिनेविया, भारत और एशिया के कई हिस्सों में आज भी लोक कथाओं में परियों का ज़िक्र होता है।

परियों की कहानियों में अक्सर नैतिक संदेश छिपा होता है – जैसे अच्छाई की जीत, धैर्य का फल, सच्चाई की ताकत और प्रकृति से प्रेम। ये कहानियाँ बच्चों के व्यक्तित्व को मजबूत बनाती हैं और बड़ों में भी कल्पनाशक्ति जगाती हैं।

इंटरनेशनल फेयरी डे न सिर्फ कल्पनाओं की उड़ान है, बल्कि यह बचपन की मासूमियत और अच्छाई के संदेश को भी जीवंत करता है। इस दिन को मनाकर हम अपने भीतर की रचनात्मकता, करुणा और प्रकृति प्रेम को फिर से जगा सकते हैं। परियों की कहानियाँ हमें यह याद दिलाती हैं कि दुनिया में जादू अब भी मौजूद है — बस हमें उसे देखने की नजर चाहिए।

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