ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के बीच ईरान ने युद्धविराम (Ceasefire) का प्रस्ताव रखा है। विदेश मंत्री अराघची ने कहा, इजरायल अगर हमला रोकेगा तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।
Israel Attack on Iran: इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच अब ईरान ने सीजफायर (युद्धविराम) का प्रस्ताव रख दिया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने यह स्पष्ट किया है कि अगर इजरायल अपनी आक्रामकता रोक देता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई बंद कर देगा। एक बैठक के दौरान अराघची ने कहा कि ईरान केवल आत्मरक्षा कर रहा है और उसका यह रुख अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वैध है। उन्होंने दोहराया कि जब तक इजरायल मिसाइल और हवाई हमले नहीं रोकता, तब तक ईरान भी पीछे नहीं हटेगा।
इजरायल पर ईरान ने दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें
शनिवार रात से लेकर रविवार सुबह तक ईरान ने इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन हमलों में कई सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमले में कम से कम 10 नागरिकों की जान जा चुकी है। यह हमला ईरान की ओर से अब तक की सबसे बड़ी सीधी सैन्य प्रतिक्रिया मानी जा रही है। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में ईरानी सैन्य अड्डों और तेल रिफाइनरियों पर हमले किए हैं। दोनों देशों के बीच हालात दिन-प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है।
फारस की खाड़ी को घसीटने का आरोप
ईरानी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि इजरायल ने जानबूझकर फारस की खाड़ी क्षेत्र में मौजूद गैस संसाधनों को निशाना बनाया है। अराघची के अनुसार इजरायल ने ईरान और कतर के बीच स्थित दक्षिण पारस गैस क्षेत्र पर हमला किया, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार माना जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस क्षेत्र में संघर्ष फैलने से वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर गहरा असर पड़ सकता है। ईरान ने इस कदम को एक रणनीतिक भूल करार दिया है और कहा है कि इससे पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
परमाणु वार्ता पर असर डालना चाहता है इजरायल: ईरान
ईरान ने दावा किया है कि इजरायल की यह आक्रामकता केवल सैन्य स्तर पर ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वियना में चल रही परमाणु वार्ताओं को बाधित करना है। रविवार को वार्ता के छठे दौर में एक नया प्रस्ताव पेश किया जाना था, लेकिन इजरायली हमले के चलते वह रद्द कर दिया गया। अराघची ने इशारों में अमेरिका पर भी निशाना साधा और कहा कि इजरायल को अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बिना इस तरह की कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका विश्वास बहाली चाहता है, तो उसे सार्वजनिक रूप से इन हमलों की निंदा करनी चाहिए।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
इजरायल-ईरान तनाव के बीच अमेरिका भी इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, तो अमेरिका पूरी ताकत से जवाब देगा। ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि तनाव अगर और बढ़ा तो यह संघर्ष क्षेत्रीय सीमा को पार कर वैश्विक स्तर पर फैल सकता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं ने भी दोनों देशों से संयम बरतने और वार्ता के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।