अगर आप 15 सितंबर की ITR फाइलिंग डेडलाइन मिस कर गए हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप 31 दिसंबर 2025 तक लेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, इसमें ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना, बकाया टैक्स पर ब्याज और घाटे को आगे कैरी फॉरवर्ड करने का लाभ नहीं मिलेगा।
ITR Filing: भारत में नॉन-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तय थी। जो लोग इस समयसीमा से चूक गए हैं, वे अब लेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग इस सुविधा के तहत 31 दिसंबर 2025 तक रिटर्न भरने का मौका देता है। लेकिन लेट रिटर्न पर धारा 234F के तहत ₹1,000–₹5,000 तक जुर्माना और धारा 234A के तहत बकाया टैक्स पर ब्याज देना होगा। साथ ही, समय पर फाइल न करने पर घाटे को आगे कैरी फॉरवर्ड करने की छूट भी खोनी पड़ेगी।
क्या आखिरी तारीख गुजरने के बाद भी फाइल होगा रिटर्न
इस सवाल का जवाब है हां। टैक्सपेयर नियत तारीख गुजरने के बाद भी अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग लेट आईटीआर फाइलिंग की सुविधा देता है ताकि जो लोग किसी वजह से समय सीमा तक रिटर्न नहीं भर पाए, वे बाद में भी अपना हिसाब-किताब सरकार के सामने रख सकें। हालांकि, देर से भरे गए रिटर्न के साथ कई तरह की पेनल्टी और शर्तें जुड़ी होती हैं।
लेट ITR पर कितना लगेगा जुर्माना
आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत समय सीमा से चूक जाने पर टैक्सपेयर पर जुर्माना लगाया जाता है। अगर किसी की कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उसे 5 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। वहीं जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें 1 हजार रुपये का ही जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना सीधे आपके रिटर्न दाखिल करते समय जोड़ा जाता है।
टैक्स बकाया पर देना होगा ब्याज
जुर्माने के अलावा बकाए टैक्स पर ब्याज भी देना पड़ता है। यह ब्याज धारा 234A के तहत लगाया जाता है। इसका कैलकुलेशन नियत तारीख यानी 15 सितंबर से लेकर उस दिन तक किया जाता है, जिस दिन आप वास्तव में रिटर्न फाइल करते हैं और टैक्स जमा करते हैं। इस दौरान हर महीने 1 प्रतिशत की दर से ब्याज जुड़ता है।
घाटे को कैरी फॉरवर्ड करने का हक खत्म
लेट आईटीआर फाइल करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आपको घाटे को आगे कैरी फॉरवर्ड करने की सुविधा नहीं मिलेगी। आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के अनुसार, समय सीमा के भीतर रिटर्न फाइल करने पर ही आप बिजनेस लॉस या कैपिटल लॉस जैसे घाटे को आने वाले वर्षों में एडजस्ट कर सकते हैं। समय पर रिटर्न दाखिल न करने पर यह अधिकार खत्म हो जाता है। यानी आगे चलकर टैक्स बचाने का मौका हाथ से निकल जाएगा।
कब तक भर सकते हैं लेट ITR
आयकर विभाग ने लेट रिटर्न दाखिल करने की भी एक समय सीमा तय की है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आप 31 दिसंबर 2025 तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर इस तिथि के बाद भी रिटर्न दाखिल नहीं किया गया, तो उस असेसमेंट ईयर के लिए रिटर्न दाखिल करने का कोई मौका नहीं बचेगा।
आईटीआर समय पर दाखिल करने से न केवल टैक्सपेयर को जुर्माना और ब्याज से बचत होती है, बल्कि भविष्य में होने वाले कई वित्तीय लेनदेन भी आसान हो जाते हैं। देर से रिटर्न भरने पर जहां जुर्माना और ब्याज देना पड़ता है, वहीं घाटा कैरी फॉरवर्ड करने का फायदा भी नहीं मिलता। यही कारण है कि आयकर विभाग हमेशा टैक्सपेयर्स को समय पर रिटर्न दाखिल करने की सलाह देता है।