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जगदीप धनखड़ के लिए दिल्ली में नया सरकारी आवास तय, पसंद न आए तो मिलेगा विकल्प

जगदीप धनखड़ के लिए दिल्ली में नया सरकारी आवास तय, पसंद न आए तो मिलेगा विकल्प

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को दिल्ली के लुटियंस जोन में टाइप-8 बंगला आवंटित किया गया है। यदि वे इसे पसंद नहीं करते हैं तो मंत्रालय उनके लिए वैकल्पिक आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा।

Delhi: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए दिल्ली के लुटियंस ज़ोन में एक नया सरकारी बंगला तय किया गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टरेट ऑफ़ एस्टेट्स ने 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर टाइप-8 श्रेणी का बंगला खाली करवा लिया है। यह बंगला पूर्व उपराष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के बाद आवंटित किया जाता है।

सूत्रों के अनुसार, यह बंगला जल्द ही धनखड़ को अलॉट किया जाएगा। हालांकि, अगर उन्हें यह आवास पसंद नहीं आता है, तो मंत्रालय उनके लिए कोई अन्य विकल्प उपलब्ध कराएगा। यह व्यवस्था पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री के लिए नियमों के तहत होती है, ताकि उन्हें लुटियंस ज़ोन में सर्वोच्च श्रेणी का सरकारी आवास मिल सके।

टाइप-8 बंगले की विशेषताएँ

टाइप-8 बंगला एक विशेष श्रेणी का सरकारी आवास है। यह लुटियंस ज़ोन में स्थित होता है, जो राजधानी दिल्ली का सबसे प्रमुख और सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। इस प्रकार के बंगले में सुरक्षा, सुविधा और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुसार सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा, पूर्व संवैधानिक पदों पर रह चुके नेताओं को इस बंगले के साथ अपने पैतृक स्थान पर दो एकड़ भूमि का विकल्प भी मिलता है।

34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित यह बंगला आधुनिक सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें विस्तृत गार्डन, पार्किंग व्यवस्था, सुरक्षा चौकियाँ और अन्य आवश्यक प्रशासनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। यही कारण है कि यह बंगला पूर्व उपराष्ट्रपति के लिए एक आदर्श निवास माना जा रहा है।

क्यों मिली इस बंगले की आवश्यकता

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला दिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर कई अटकलें भी हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य के कारण नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे अन्य राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके लिए दिल्ली में उपयुक्त VVIP आवास का इंतजाम करना प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है। नियमों के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के बाद लुटियंस ज़ोन में टाइप-8 बंगला और दो एकड़ भूमि का विकल्प दिया जाता है।

मंत्रालय और प्रशासन की तैयारी

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को बेहद व्यवस्थित तरीके से पूरा किया। डायरेक्टरेट ऑफ़ एस्टेट्स ने बंगले की सफाई, मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया। अधिकारियों ने बताया कि बंगले को पूर्व उपराष्ट्रपति के लिए तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा। यदि धनखड़ को यह बंगला पसंद नहीं आता है, तो मंत्रालय उनके लिए अन्य विकल्प तलाश कर सकता है। इसमें राजधानी के अन्य सुरक्षित और VVIP क्षेत्रों में उपलब्ध टाइप-8 या उससे ऊपर श्रेणी के सरकारी बंगले शामिल हैं। यह प्रक्रिया पहले भी पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री के लिए अपनाई जा चुकी है।

बंगले का प्रशासनिक महत्व

लुटियंस ज़ोन में बंगले का होना सुरक्षा और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को आसान बनाता है। टाइप-8 बंगलों में आमतौर पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड, बैरियर और आपातकालीन निकास व्यवस्था जैसी सुविधाएँ होती हैं।

पूर्व उपराष्ट्रपति का निवास होने के कारण, यहां अतिरिक्त सुरक्षा मानक लागू किए जाते हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ऐसे बंगले में रह रहे अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होती है। इसके अलावा, बंगले में प्रशासनिक कार्यालय और बैठक कक्ष भी मौजूद होते हैं, ताकि जरूरी मामलों का निपटारा तुरंत किया जा सके।

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