आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने सतनापल्ले रैली में समर्थक की मौत के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि दुर्घटनाएं सभी सावधानियों के बावजूद हो सकती हैं।
Jagan Reddy: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को गुंटूर जिले में रैली के दौरान एक पार्टी समर्थक की मौत के मामले में हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि सभी एहतियात के बावजूद हादसे हो सकते हैं और कुंभ जैसे आयोजनों में भी दुर्घटनाएं हुई हैं।
क्या है मामला?
18 जून को आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले के सतनापल्ले में वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की रैली निकाली जा रही थी। इसी दौरान रैली में शामिल एक वाहन से सी सिंगय्या (53) नामक पार्टी समर्थक की मौत हो गई। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब रैली काफी भीड़भाड़ वाली थी।
गाड़ी की पहचान और FIR का विवाद
पुलिस जांच में सामने आया कि जिस कार से सिंगय्या की मौत हुई, वह कथित तौर पर जगन रेड्डी की काफिले में शामिल थी। इसके बाद पुलिस ने उस कार को जब्त कर लिया और रेड्डी समेत अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई।
एफआईआर में गैर इरादतन हत्या (Section 304A IPC) और लापरवाही से हुई मौत का आरोप लगाया गया। यह कानूनी कार्रवाई विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) द्वारा समर्थन किए जाने वाले लोगों में व्यापक चर्चा का विषय बन गई।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
एफआईआर दर्ज होने के बाद वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि राज्य की चंद्रबाबू नायडू सरकार राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर पूर्व मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने दावा किया कि यह सब एक सोची-समझी साजिश है ताकि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाया जा सके।
जगन मोहन रेड्डी ने इस कार्रवाई को 'Z+ सिक्योरिटी प्रोटोकॉल में सेंध' और 'ध्यान भटकाने की रणनीति' करार दिया।
भिन्न-भिन्न दावे
वाईएसआरसीपी का कहना है कि सी सिंगय्या की मौत रैली के दौरान हुई लेकिन वह जगन रेड्डी की गाड़ी से नहीं टकराए थे। वहीं, टीडीपी का दावा है कि उन्हें सीधे तौर पर काफिले की एक गाड़ी ने कुचल दिया। इस घटना ने दोनों दलों के बीच राजनीतिक तनाव को और गहरा कर दिया है।
जगन रेड्डी की याचिका और कोर्ट की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम के बाद, जगन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की और खुद को जानबूझकर फंसाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका नाम एफआईआर में इसलिए जोड़ा गया ताकि राजनीतिक नुकसान पहुंचाया जा सके। याचिका में उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ित परिवार को उनकी पार्टी की ओर से मुआवजा दिया गया है और उन्होंने पीड़ित परिवार का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया।
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि “सभी सावधानियों के बावजूद, कुंभ मेले जैसे आयोजनों में भी हादसे होते हैं।” इस आधार पर कोर्ट ने जगन मोहन रेड्डी को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत दी और मामले में अगली सुनवाई तक कार्रवाई पर रोक लगा दी।