राजस्थान के जोधपुर में काली बेरी क्षेत्र स्थित BAPS स्वामिनारायण संस्था द्वारा निर्मित भव्य अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यह दिव्य मंदिर 25 सितंबर को प्रतिष्ठित होगा, जिसमें परम पूज्य महंत स्वामी महाराज स्वयं उपस्थित रहेंगे और मूर्ति प्रतिष्ठा उनके करकमलों से संपन्न की जाएगी। इस अवसर पर सात दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। समारोह की भव्यता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आयोजकों ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
जोधपुरी पत्थर से निर्मित
करीब 40 बीघा भूमि पर फैला यह भव्य अक्षरधाम मंदिर पूरी तरह से जोधपुरी लाल पत्थरों से निर्मित है। इसकी दीवारों, स्तंभों और गुम्बदों पर की गई नक्काशी भारतीय शिल्पकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है। मंदिर की हर कलाकृति प्राचीन सनातन संस्कृति की गरिमा को जीवंत करती है, जो मरुधरा की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने जा रही है। यह निर्माण न सिर्फ वास्तुशिल्प की दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का भी केंद्र बनने जा रहा है।
आध्यात्मिक प्रेरणा का केंद्र बनेगा अक्षरधाम
BAPS संस्था, जिसकी स्थापना 1907 में वैदिक सिद्धांतों पर हुई थी, वर्तमान में महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर सेवा, संस्कार और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में कार्य कर रही है। जोधपुर में बन रहा यह अक्षरधाम मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए अध्यात्म, संस्कृति और सेवा का प्रेरणास्रोत भी रहेगा। यह दिव्य धाम मरुभूमि की धरती पर संस्कारों और श्रद्धा का नवजीवन संचार करेगा, जो मारवाड़ की पहचान को और भी गौरवमयी बनाएगा।