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जर्मनी की Herrenknecht चेन्नई में खोल रही नया TBM विनिर्माण प्लांट, भारत में बढ़ रही सुरंग परियोजनाओं के लिए बढ़ेगा उत्पादन

जर्मनी की Herrenknecht चेन्नई में खोल रही नया TBM विनिर्माण प्लांट, भारत में बढ़ रही सुरंग परियोजनाओं के लिए बढ़ेगा उत्पादन

जर्मनी की हेरेनक्नेच्ट कंपनी भारत में टीबीएम (सुरंग बोरिंग मशीन) की बढ़ती मांग को देखते हुए चेन्नई में 12.4 एकड़ में नया विनिर्माण संयंत्र खोल रही है। कंपनी ने पहले ही 70% स्थानीयकरण हासिल कर लिया है और मेट्रो परियोजनाओं के लिए टीबीएम की आपूर्ति करती रही है।

Tunnel boring machines: जर्मनी की अग्रणी सुरंग बोरिंग मशीन निर्माता हेरेनक्नेच्ट चेन्नई में अपने परिचालन का विस्तार कर रही है और 12.4 एकड़ जमीन में नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित कर रही है। यह कदम भारत में बढ़ती सुरंग परियोजनाओं और टीबीएम की मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया है। कंपनी पहले से ही 70% स्थानीयकरण हासिल कर चुकी है और चेन्नई मेट्रो परियोजना में आठ ईपीबी शील्ड टीबीएम की आपूर्ति कर चुकी है। कुल निवेश 50.22 करोड़ रुपये का है और यह कदम तमिलनाडु मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की जर्मनी यात्रा के दौरान समझौते के तहत किया गया है।

भारत में टीबीएम की बढ़ती मांग

भारत में मेट्रो और अन्य सुरंग निर्माण परियोजनाओं में तेजी के कारण टीबीएम की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में अधिकांश टीबीएम चीन, अमेरिका और जर्मनी सहित अन्य देशों से आयात किए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दशक में भारत में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सुरंग परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। इसी कारण घरेलू विनिर्माण सुविधाओं की जरूरत महसूस की जा रही है।

हेरेनक्नेच्ट का भारत में विस्तार

हेरेनक्नेच्ट ने 2007 में चेन्नई में अपनी टीबीएम असेंबली सुविधा स्थापित की थी। अब कंपनी उत्तरी चेन्नई में 12.4 एकड़ जमीन पर नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने जा रही है। इस भूमि अधिग्रहण में रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी जेएलएल ने हेरेनक्नेच्ट एजी इंडिया की सलाहकार भूमिका निभाई।

सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने कन्निगईपर में 4.05 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन खरीदी, जिसका कुल मूल्य 50.22 करोड़ रुपये है। इस समझौते को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की जर्मनी यात्रा के दौरान औपचारिक रूप दिया गया।

भारत में टीबीएम बाजार का वर्तमान परिदृश्य

वर्तमान में भारत लगभग सभी टीबीएम आयात करता है और घरेलू मांग पूरी तरह विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से पूरी होती है। भारतीय बाजार में प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में हेरेनक्नेच्ट का 40-45 प्रतिशत बाजार हिस्सा है। इसके बाद रॉबिन्स (अमेरिका), टेराटेक (मलेशिया), सीआरसीएचआई और एसटीईसी (चीन), और कोमात्सु (जापान) का स्थान आता है।

एक टीबीएम की लागत आकार और विशिष्टताओं के आधार पर 10 से 100 मिलियन डॉलर के बीच होती है। हेरेनक्नेच्ट ने पिछले 15 वर्षों में लगभग 70 प्रतिशत स्थानीयकरण हासिल कर लिया है और हर साल 10-12 मेट्रो आकार के टीबीएम का निर्माण करती है।

मेट्रो परियोजनाओं में योगदान

चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना में हेरेनक्नेच्ट ने सुरंग निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परियोजना के चरण I में 46 किलोमीटर लंबा मार्ग शामिल है। इसके लिए कंपनी को आठ ईपीबी शील्ड (टीबीएम) ऑर्डर मिले हैं, जो पूरी मेट्रो सुरंग की खुदाई में इस्तेमाल होंगे। इस प्रकार कंपनी ने भारत में टीबीएम निर्माण और असेंबली दोनों में अपनी पकड़ मजबूत की है।

भारत में नया संयंत्र टीबीएम की मांग को पूरा करने के साथ-साथ स्थानीय उत्पादन को भी बढ़ावा देगा। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और सुरंग परियोजनाओं के लिए आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के निवेश से भारत में उच्च तकनीक वाले उद्योगों का विकास होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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