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जयपुर में शीतला माता मंदिर विवाद, विधायक बालमुकुंद आचार्य पहुंचे मौके पर

जयपुर में शीतला माता मंदिर विवाद, विधायक बालमुकुंद आचार्य पहुंचे मौके पर

जयपुर के गंगापोल इलाके में शीतला माता मंदिर ध्वस्त होने पर हंगामा मच गया। स्थानीय BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। मंदिर निजी जमीन पर था और घर मालिक का कहना है कि मूर्तियां पहले ही नए घर में शिफ्ट कर दी गई थीं।

Jaipur News: जयपुर के पुराने शहर गंगापोल क्षेत्र में शुक्रवार शाम एक घर में बने शीतला माता मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे इलाके में हंगामा मच गया। मौके पर बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य और हिन्दू संगठनों के लोग पहुंचे और मंदिर तोड़ने पर विरोध जताया। घर मालिक ने बताया कि बिल्डिंग जर्जर थी और मूर्तियां पहले ही नए घर में शिफ्ट कर दी गई थीं। विधायक ने इसे हिंदुओं की आस्था पर हमला बताते हुए कार्रवाई की मांग की।

मंदिर को लेकर विवाद

जानकारी के अनुसार, शीतला माता का यह मंदिर गंगापोल क्षेत्र में निजी संपत्ति पर बना हुआ था। मंदिर को लेकर इलाके के लोगों की गहरी आस्था रही है। हालांकि, मंदिर स्थित मकान के पिछले मालिक ने बताया कि मंदिर में स्थित मूर्तियों को नए घर में शिफ्ट कर दिया गया है। मकान का निर्माण पुराने समय का था और जर्जर होने के कारण उसे ध्वस्त किया गया।

कुछ समय पहले यह संपत्ति बेच दी गई थी और नए मालिक ने पुराने भवन को तोड़ने का निर्णय लिया। मकान मालिक का दावा है कि मंदिर को निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया था और मोहल्ले के लोग यहां नियमित रूप से नहीं आते थे। इसलिए मूर्तियों को नए घर में स्थानांतरित करने के बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

विधायक बालमुकुंद ने जताई चिंता

हवा महल सीट से विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आस्था के स्थलों को साजिश के तहत ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने मंदिर तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधायक ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए।

बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि मंदिर तोड़ने की कार्रवाई केवल स्थानीय आस्था के खिलाफ नहीं है बल्कि यह पूरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू धर्म स्थलों के साथ किसी भी तरह की अतिक्रमण या विनाश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मंदिर ध्वस्त, मोहल्ले में नाराजगी

स्थानीय लोगों ने बताया कि शीतला माता मंदिर इलाके का आस्था का केंद्र था। लोग यहां पूजा और धार्मिक आयोजन के लिए आते थे। हालांकि मकान मालिक का कहना है कि मंदिर पूरी तरह से निजी क्षेत्र में था और केवल उनके परिवार के सदस्य ही पूजा करते थे। नए मालिक ने मूर्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के बाद भवन को ध्वस्त कराया।

मोहल्ले के कुछ लोग इस कार्रवाई से नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि भले ही मंदिर निजी था, लेकिन यह समुदाय के लिए धार्मिक महत्व रखता था। इसलिए इस तरह की कार्रवाई से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।

प्रशासन की भूमिका

घटना की जानकारी मिलते ही अड़की पुलिस बल मौके पर पहुंचा। भीड़ को काबू में करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मंदिर को ध्वस्त करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि भवन जर्जर था और सुरक्षा कारणों से इसे तोड़ना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि मूर्तियों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था, इसलिए किसी प्रकार की धार्मिक अशांति नहीं होनी चाहिए।

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