विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में रूस के थिंक टैंक से मिले। बैठक में ऊर्जा, रक्षा और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई। अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने की रणनीति बनाई गई।
Jaishankar Visit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों मॉस्को में हैं। उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच पहले से मजबूत संबंधों को और मजबूती देना है। रूस की प्रमुख थिंक टैंक संस्थाओं और विद्वानों के साथ हुई बैठक में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान भारत-रूस के पुराने मित्रता और सहयोग को बनाए रखने की दिशा में रणनीतियों पर जोर दिया गया। जयशंकर ने कहा कि दोनों देश वर्तमान वैश्विक परिदृश्य और भू-राजनीतिक परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपने संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर चर्चा
बैठक के दौरान ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को और सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत और रूस ने रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और द्विपक्षीय परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा तैयार की। विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक दबावों के बीच दोनों देशों ने मिलकर ऐसे कदम उठाने की योजना बनाई है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और रणनीतिक समझौते प्रभावित न हों।
तकनीकी सहयोग और वैश्विक दृष्टिकोण
जयशंकर ने रूसी विद्वानों और थिंक टैंक प्रतिनिधियों के साथ तकनीकी सहयोग, नवाचार और वैश्विक नीतियों पर चर्चा की। दोनों देशों ने एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने और साझा हितों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस बैठक का मकसद केवल वर्तमान सहयोग को बनाए रखना नहीं था, बल्कि भविष्य में ऊर्जा, रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में नई परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करना भी था।
भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की मजबूती
बैठक में यह भी तय किया गया कि दोनों देश आपसी सहयोग को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए नियमित संवाद और समन्वय बनाए रखेंगे। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर दबाव और टैरिफ जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त रणनीति अपनाई जाएगी। जयशंकर की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा और गति लाएगी और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।