कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देकर सियासी हलचल तेज कर दी। उन्होंने कहा कि उनकी निजी राय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि देश की ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आरएसएस से जुड़ी हुई हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। खरगे ने आरोप लगाया कि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस की विचारधारा और गतिविधियों के कारण उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने कहा कि आज समाज में जो नफरत और विभाजन का माहौल दिखाई दे रहा है, उसकी जड़ें उसी सोच में हैं, जो संघ और भाजपा फैलाते हैं। खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा से साम्प्रदायिक सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।
खरगे बोले - 'देश की अधिकतर दिक्कतें भाजपा-आरएसएस से जुड़ी हैं'
दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, यह मेरी निजी राय है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में ज्यादातर समस्याएं और कानून-व्यवस्था की दिक्कतें भाजपा और आरएसएस की वजह से ही हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश दो महान नेताओं सरदार पटेल और इंदिरा गांधी को याद कर रहा है, जिन्होंने अपने-अपने दौर में देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए ऐतिहासिक योगदान दिया।
खरगे ने कहा कि ‘आयरन मैन’ सरदार पटेल और ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी दोनों ने देश को जोड़ने का काम किया, लेकिन आज उन्हीं के नाम पर विभाजनकारी राजनीति की जा रही है।
सरदार पटेल का जिक्र — गांधीजी की हत्या के बाद आरएसएस की आलोचना की थी

खरगे ने कहा कि सरदार पटेल ने खुद 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस की आलोचना की थी। उन्होंने दावा किया कि पटेल ने उस समय के गृह मंत्री के रूप में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि आरएसएस ने ऐसा माहौल बनाया जिससे महात्मा गांधी की हत्या जैसी त्रासदी संभव हुई।
खरगे ने कहा कि भाजपा बार-बार सरदार पटेल के नाम का इस्तेमाल तो करती है, लेकिन उनके विचारों और सिद्धांतों को नकारती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा यह दिखाने की कोशिश करती है कि नेहरू और पटेल में मतभेद थे, जबकि सच यह है कि दोनों एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते थे।
खरगे ने कहा, नेहरू और पटेल में विचारों में कुछ अंतर जरूर थे, लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही था — देश की एकता और मजबूती। नेहरू ने पटेल के प्रशासनिक कौशल की हमेशा सराहना की और पटेल ने नेहरू को देश का आदर्श नेता माना।”
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि सरदार पटेल जम्मू-कश्मीर को भारत में पूरी तरह मिलाना चाहते थे, लेकिन पंडित नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। मोदी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने “औपनिवेशिक मानसिकता” को अपनाया है और आज देश उस गुलामी के प्रतीकों को मिटाने में लगा है।खरगे ने मोदी के इस बयान को “ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़” बताया और कहा कि प्रधानमंत्री देश को “नेहरू बनाम पटेल” की झूठी बहस में उलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
खरगे ने कहा कि कांग्रेस उन दोनों नेताओं की विरासत को देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक के रूप में मानती है। उन्होंने कहा, सरदार पटेल ने रियासतों को भारत में मिलाकर देश को एक सूत्र में पिरोया, और इंदिरा गांधी ने देश की सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए अपना बलिदान दिया। आज जरूरत है कि हम उनके बताए रास्ते पर चलें, न कि नफरत की राजनीति करें।













