कोटा जिले के दीगोद कस्बे में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के औचक निरीक्षण के दौरान 3 महीने पहले बने क्लासरूम की दीवार का प्लास्टर हाथ लगाते ही झड़ गया। मंत्री ने नाराज होकर घटिया निर्माण की जांच के निर्देश दिए।
कोटा: राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर मंगलवार को कोटा जिले के दीगोद कस्बे में स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान तीन महीने पहले बने नए कक्षा कक्ष की दीवार को छूते ही प्लास्टर गिर गया। यह देखकर मंत्री नागर भड़क उठे और मौके पर मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
औचक निरीक्षण में खुली लापरवाही की पोल
ऊर्जा मंत्री नागर बिना किसी पूर्व सूचना के विद्यालय पहुंचे थे। उन्होंने छात्राओं से बातचीत कर शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली और शिक्षकों से स्कूल की स्थिति पर चर्चा की। जब वे नवनिर्मित क्लासरूम में पहुंचे और दीवार को हल्के से छुआ, तो दीवार का प्लास्टर नीचे गिर पड़ा। इस दृश्य ने मंत्री को नाराज कर दिया। उन्होंने मौके पर जूनियर इंजीनियर (जेईएन) को बुलाया और निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर स्पष्टीकरण मांगा।
मंत्री ने कहा कि जब सरकार शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तब इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है। उन्होंने कहा, “अगर बच्चों के लिए बने स्कूल की दीवारें तीन महीने में ही झड़ने लगें, तो यह साफ संकेत है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार ने जड़ें जमा ली हैं।”
तीन महीने पुराने निर्माण पर उठे सवाल
जांच में पता चला कि यह कक्षा कक्ष समग्र शिक्षा योजना के तहत महज तीन महीने पहले ही तैयार हुआ था। रिपोर्ट में सामने आया कि निर्माण के दौरान घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया और निरीक्षण प्रक्रिया में गंभीर चूक हुई। मंत्री नागर ने उपखंड अधिकारी और अभियंताओं को चेतावनी देते हुए कहा, “निर्माण कार्य के दौरान निगरानी नहीं हुई। अगर अभियंता लीपापोती करेंगे, तो यह सरकार उन्हें बचाने नहीं देगी।”
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पूरे निर्माण कार्य की तकनीकी जांच कराई जाए। इस दौरान मंत्री ने स्कूल प्रबंधन से भी कहा कि वे ऐसे कार्यों की शिकायत बेझिझक उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएं।
भ्रष्टाचार पर मंत्री का सख्त रुख

मंत्री नागर ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता सुधार के लिए नए तंत्र पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से उन्होंने इस संबंध में चर्चा की है और एक सशक्त जांच प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता की लैब परीक्षण के जरिए जांच हो सके।
नागर ने कहा, “राजस्थान सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार सहन नहीं करेगी। जो भी अधिकारी या संवेदक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।” उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही विजिलेंस और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा।
ब्लैकलिस्टेड फर्म को फिर मिला ठेका
गौरतलब है कि जिस फर्म — मेसर्स साबरी कंस्ट्रक्शन — ने यह निर्माण किया था, उसे पहले ही जिला स्तरीय समिति ने ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की थी। उपखंड अधिकारी ने घटिया निर्माण पर नोटिस भी जारी किया था। बावजूद इसके, संबंधित अधिकारियों ने बिना सुधार किए भवन को स्कूल प्रशासन को सौंप दिया।
अब मंत्री के औचक निरीक्षण के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोषी फर्म के खिलाफ अनुबंध रद्द करने और आपराधिक जांच की सिफारिश की जा सकती है।













